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Hindi News एजुकेशन मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय ने पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विवादास्पद पर्चे को दी क्लीन चिट

मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय ने पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विवादास्पद पर्चे को दी क्लीन चिट

मध्यप्रदेश सरकार के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने पत्रकारिता के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के एक विवादास्पद पर्चे की जांच के बाद इसे मंगलवार को क्लीन चिट दे दी। कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए इस पर्चे को रद्द करने की मांग की थी

<p>University of Madhya Pradesh gave clean chit to...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE University of Madhya Pradesh gave clean chit to controversial prescription of journalism course

इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने पत्रकारिता के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के एक विवादास्पद पर्चे की जांच के बाद इसे मंगलवार को क्लीन चिट दे दी। कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए इस पर्चे को रद्द करने की मांग की थी कि इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में सवाल किए गए हैं। ये सवाल मास्टर ऑफ जर्नलिज्म (एमजे) की सालाना परीक्षा में "विविध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों का विश्लेषण" विषय के पर्चे में पूछे गए थे। यह पर्चा परीक्षाओं की ओपन बुक प्रणाली के तहत डीएवीवी की वेबसाइट पर 14 सितंबर को अपलोड किया गया था। डीएवीवी के परीक्षा नियंत्रक अशेष तिवारी ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "इस पर्चे के कुछ सवालों पर आपत्तियां सामने आने के बाद हमने यह मामला जांच के लिए तीन सदस्यीय परीक्षा समिति को भेज दिया था। इस समिति की पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्चे में कुछ भी बदलाव करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके सारे सवाल पाठ्यक्रम के दायरे में ही थे।"

उन्होंने बताया कि डीएवीवी ने परीक्षा समिति की जांच रिपोर्ट मंजूर करते हुए उम्मीदवारों से कहा है कि वे "विविध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों का विश्लेषण" विषय के मूल पर्चे के आधार पर अपनी लिखित उत्तरपुस्तिकाएं डीएवीवी को जमा करा दें। विवादास्पद पर्चे को रद्द करने की मांग के साथ कांग्रेस और इसकी विद्यार्थी इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने आरोप लगाया था कि डीएवीवी का "भाजपाईकरण" हो चुका है और पत्रकारिता पाठ्यक्रम की परीक्षाओं तक में इसी दल के पक्ष में सवाल पूछे जा रहे हैं।

विवाद के घेरे में आए प्रश्नपत्र में परीक्षार्थियों से पूछा गया है-"कांग्रेस को 2014 और 2019 के आम चुनावों में आशातीत विजय नहीं मिलने के कौन-से तीन कारण हो सकते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।" इसमें यह भी सवाल है-"2019 के आम चुनावों में भाजपा की जीत क्या नरेंद्र मोदी सरकार पर आम आदमी के भरोसे की मुहर है? समझाइए।" विवादास्पद पर्चे में यह भी पूछा गया है कि क्या मौजूदा हालात में देश में "एक दलीय व्यवस्था" लागू हो सकती है और आजादी के सात दशक बाद आरक्षण कितना उपयोगी है? पर्चे में "राष्ट्रवाद बनाम विकास" के मुद्दे, सर्जिकल स्ट्राइक, हाफिज सईद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने, भारतीय अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी एवं जीएसटी के फैसलों के प्रभावों और तीन तलाक मामले को लेकर भी सवाल रखे गए हैं।

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