यूजीसी टॉप डॉक्टरेट रिसर्चर के लिए कर बड़ी तैयारी, जल्द शुरू कर सकती है ये पहल
यूजीसी टॉप डॉक्टरेट रिसर्चर के लिए एक प्लान तैयार कर रहा है, माना जा रहा कि इससे देश में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
अगर आप पीएचडी करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। यूजीसी पीएचडी के टॉप रिसर्चर को जल्द एक खुशखबरी दे सकती है। शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, UGC ने विभिन्न विषयों में हर साल असाधारण रिसर्च को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए "पीएचडी एक्सिलेंस-प्रशस्ति पत्र" देगी। यह फैसला 3 अक्टूबर 2024 को आयोजित आयोग की बैठक में लिया गया, जहां यूजीसी ने साइंस और इंजीनियरिंग से लेकर सोशल साइंस और भारतीय भाषाओं तक के विषयों में असाधारण पीएचडी स्कॉलर को सालाना 10 प्रशस्ति पत्र देने का प्लान तैयार किया है।
दो लेवल पर होगा सेलेक्शन
इसके लिए आयोग ने दो-लेवल का सेलेक्शन प्रोसेस प्रस्तावित किया है, जिसमें यूनिवर्सिटी लेवल पर एक स्क्रीनिंग कमेटी और यूजीसी लेवल पर एक फाइनल सेलेक्शन कमेटी शामिल है। कमेटी इवैल्यूएशन में ओरिजनैलिटी, कांट्रिब्यूशन टू नॉलेज, रिसर्च मेथेडोलॉजी, क्लैरिटी, इम्पैक्ट और थीसिस की पर्जेंटेशन पर विचार करेगी।
रिसर्च में हुई बढ़ोतरी
यूजीसी के एक स्टडी से पता चलता है कि रिसर्च डिग्री की खोज में सराहनीय वृद्धि हुई है, जिसमें पीएचडी एडमिशन 2010-11 में 77,798 से दोगुना होकर 2017-18 में 161,412 हो गए हैं, जो 10% वार्षिक वृद्धि दर बताता है। स्टडी में विभिन्न विषयों में दिए गए पीएचडी का डिटेल भी दिया गया है: जिसमें 30%, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी: 26%, सोशल साइंस: 12%, इंडियन लैग्वेज: 6%, मैनेजमेंट: 6%, एग्रीकल्चर साइंस: 4%, मेडिकल साइंस: 5%, एजुकेशन: 5%, कॉमर्स: 3%, फॉरेन लैग्वेज: 3% शामिल हैं। यूजीसी के एक स्टडी के मुताबिक, पीएचडी एडमिशन 2010-11 में 77,798 से दोगुना होकर 2017-18 में 161,412 हो गए, जो 10% वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। यह स्टडी रिसर्च डिग्री प्राप्ति में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाता है।
इस प्रकार, यूजीसी ने भारतीय विश्वविद्यालयों में हाई कैपेबिलिटी वाले रिसर्च को प्रोत्साहित करने के प्रयास में हर साल विभिन्न धाराओं के विजेताओं को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए "पीएचडी एक्सीलेंस प्रशस्ति पत्र" की स्थापना की गई है।
यूजीसी के चेयरमैन ने कही ये बात
यूजीसी के चेयरमैन ममीडाला जगदीश कुमार ने कहा, "इस पहल का उद्देश्य विभिन्न विषयों में एक्सीलेंस डॉक्टरेट रिसर्च को मान्यता देना है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अनुरूप, जो भारत के भविष्य के लिए नए ज्ञान के सृजन और खोज पर जोर देती है, पीएचडी एक्सीलेंस प्रशस्ति पत्र यूनिवर्सिटी में रिसर्च कार्यों की पहचान करने और उनकी सराहना करने का एक प्रयास है।"
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