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Hindi News एजुकेशन डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले ध्यान दें, यूजीसी ने जारी किए गाइडलाइन; नहीं जाना तो होगा पछतावा

डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले ध्यान दें, यूजीसी ने जारी किए गाइडलाइन; नहीं जाना तो होगा पछतावा

डिस्टेंस से पढ़ाई करने जा रहे हैं तो जान लें कि यूजीसी ने कुछ गाइडलाइन आपके लिए जारी किए हैं। जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।

यूजीसी- India TV Hindi Image Source : UGC यूजीसी

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर छात्रों को ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन लर्निंग (OL) कार्यक्रमों में नामांकन करते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। यह सलाह देश में हायर एजुकेशन की अखंडता और क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए UGC के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। बता दें कि 4 सितंबर 2020 को अधिसूचित और उसके बाद संशोधित विनियमों के अनुसार, UGC ने ODL और OL प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से डिग्री देने के लिए न्यूनतम निर्देशात्मक मानक स्थापित किए गए हैं।

UGC के अनुसार, छात्रों को UGC DEB वेबसाइट पर जाकर यह वेरीफाई करना जरूरी है कि उनके द्वारा चुना गया हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन (HEI)  एडमिशन सत्र के लिए ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन कार्यक्रम प्रदान करने के लिए मान्यता प्राप्त है।

इंस्टिट्यूशन की वेबसाइट कोर्स जानने को कहा

यूजीसी ने छात्रों से हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन की वेबसाइट पर कार्यक्रम विवरण की समीक्षा करने, प्रतिबंधित कार्यक्रमों पर ध्यान देने, यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोई फ्रेंचाइज़िंग व्यवस्था नहीं है, तथा यह पुष्टि करने के लिए कहा है कि ओपेन एंड डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों के लिए सभी गतिविधियां संस्थान के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर ही संचालित की जाती हैं।

छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे प्रत्येक एकेडमिक सेशन के लिए यूजीसी डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (डीईबी) की वेबसाइट पर उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) की मान्यता स्थिति की पुष्टि करें। यह जरूरी है कि छात्र उन कार्यक्रमों के बारे में जानें जिन्हें ओडीएल और ओएल के माध्यम से पेश करने से प्रतिबंधित किया गया है, और यह कि कोई अनधिकृत फ्रेंचाइज़िंग व्यवस्था शामिल नहीं है।

डीईबी-आईडी बनाने की सलाह

गौरतलब है कि यूजीसी ने एक जरूरी डीईबी-आईडी पेश की है, जिसे छात्रों को यूजीसी-डीईबी वेब पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करना होगा। यह डीईबी-आईडी अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी)-आईडी से जुड़ी होगी, जो 2024-25 एकेडमिक ईयर से यानी अक्टूबर 2024 में शुरू होगी। इस पहल का उद्देश्य ओडीएल और ओएल कार्यक्रमों में छात्र पहचान को सुव्यवस्थित करना तथा उचित क्रेडिट संचयन और स्थानांतरण सुनिश्चित करना है।

15 नवंबर तक ले सकते हैं एडमिशन

इसके अतिरिक्त, यूजीसी ने एडमिशन की अंतिम तारीख को 15 नवंबर 2024 तक बढ़ा दिया है, जिससे भावी छात्रों को अपने चुने हुए संस्थानों और कार्यक्रमों की मान्यता की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। पारदर्शिता बनाने और सूचित निर्णय लेने की सुविधा के लिए, मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों और बताए गए कार्यक्रमों की लिस्ट सहित संपूर्ण डिटेल आधिकारिक यूजीसी वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

छात्रों को अपने शैक्षिक और व्यावसायिक भविष्य की सुरक्षा के लिए इन सावधानियों को गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तथा यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनके सर्टिफिकेट यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से हों, जो आवश्यक मानकों का अनुपालन करते हों।

इस कॉलेजों में एडमिशन न लेने की सलाह

यूजीसी ने कई उच्च शिक्षा संस्थानों को कुछ ओडीएल और ऑनलाइन कार्यक्रम प्रदान करने से रोक दिया है तथा उन्हें "नो एडमिशन" श्रेणी में रखा गया है:

  • सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय, राजस्थान - जुलाई-अगस्त 2024 से शुरू होने वाले पांच शैक्षणिक सत्रों के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम पेश करने पर रोक लगा दी गई है। 2024-25 और 2025-26 सत्रों के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे, यहां तक ​​कि "entitled category" के तहत भी। 
  • पेरियार विश्वविद्यालय, तमिलनाडु - जुलाई-अगस्त 2024 से शुरू होने वाले सत्र से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम प्रदान करने पर रोक लगा दी गई है, यहां तक ​​कि "entitled category" के भीतर भी। 
  • नालसार विश्वविद्यालय, तेलंगाना - अक्टूबर 2024 (जुलाई-अगस्त 2024 से संशोधित) में सत्र से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए ओडीएल कार्यक्रम पेश करने पर रोक लगा दी गई है।

इन कोर्सों पर भी लगी रोक

यूजीसी के अनुसार, छात्रों को ओडीएल और ऑनलाइन मोड के तहत कुछ प्रतिबंधित कार्यक्रमों में दाखिला न लेने की सलाह दी जाती है। इन प्रतिबंधित कार्यक्रमों में शामिल हैं:

  • चिकित्सा क्षेत्र और संबद्ध स्वास्थ्य डोमेन, जैसे कि फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, पैरा-मेडिकल डिसिपीलिन, फार्मेसी, नर्सिंग और डेंटल स्टडीज।
  • प्रोफेशनल और एप्लाईड साइंस जैसे- आर्टिटेक्चर, कानून, कृषि, बागवानी, होटल प्रबंधन, केटेरिंग टेक्नोलॉजी, कलनरी साइंस और एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस।
  • विजुअल आर्ट्स, स्पोर्ट्स एंड एवीएशन जैसे स्पेशलाइज्ड कैटेगरी पर भी रोक।

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