जब शहरों की बात आती है तो हमारे जेहन में ऊंची- ऊंची बिल्डिंग, चौड़ी सड़कें, फर्राटे भरती गाड़ियां आती है। हर इंसान आजकल शहरों में रहना पंसद कर रहा है इसका कारण है यहां मौजूद सुविधाएं। लेकिन अगर आपसे पूछें की दुनिया का सबसे पुराना शहर कौन-सा है तो शायद आप कहें की आपको नहीं पता। या आपके मन में एथेंस का नाम याद आ जाए, लेकिन बता दें कि वो यूरोप का सबसे पुराना शहर है। हम यहां दुनिया की सबसे पुरानी सिटी के बारे में बात कर रहे हैं। अगर आपको नहीं पता तो परेशान न हों हम आपको बताएंगे। इस शहर का नाम चैटलहोयुक (Çatal höyük) है। ये शहर तुर्की में है। एक रिसर्च के मुताबिक, इसे दुनिया का सबसे पहला शहर माना जा रहा है।
9 हजार साल पुराना है इतिहास
गौरतलब है कि, चैटलहोयुक के बारे में काफी रिसर्च की गई। रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि ये शहर 9 हजार साल पहले यानी 7000 ईसा पूर्व बसा था। चूंकि इससे पहले के शहर के बारे में अभी कोई और जानकारी नहीं है इसलिए वैज्ञानिक इसे दुनिया का पहल शहर मानते हैं। बता दें कि यूनान की राजधानी एथेंस शहर का इतिहास 3000 साल पुराना है। बता दें कि चैटलहोयुक की खोज 1985 में की गई थी। ये खोज बिट्रिश खोजकर्ता जेम्स मेलार्ट ने की। जेम्स मेलार्ट व उनकी टीम ने इस जगह पर सबसे पहले खुदाई शुरू की। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज भी चैटलहोयुक में रिसर्च का काम शुरू होता रहता है। इस शहर की वास्तुकला और रीति-रिवाज को लेकर खोजकर्ताओं की दिलचस्पी दिन-ब-दिन बढ़ती ही गई।Image Source : betsy yorkचैटलहोयुक
नहीं थे रास्ते व गलियां
बताया जाता है कि यहां के घरों में दरवाजे नहीं थे, घरों में आने जाने का रास्ता छत से था। इस जगह की खुदाई में मिले अवशेषों से पता चला की घरों की बीच सड़के या गलियां नहीं थीं। यहां कि छतें ही सड़कें हुआ करती थीं। यहां के लोग बाहर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करते थे। घर में सिर्फ दो ही कमरे होते थे, एक रहने के लिए और दूसरा आनाज रखने के लिए ।Image Source : hasan onalचैटलहोयुक
खुदाई का हुआ विरोध
चैटलहोयुक में लोग अपने मृत परिजनों को अपने ही घरों में दफना देते थे। रिसर्च के दौरान इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं। वहीं, ये भी पता चला कि दुनिया के इस पहले शहर में महिला व पुरूष के साथ एक समान व्यवहार होता था। दोनों मिल-जुलकर सारे काम करते थे। मध्य तुर्की में इस जगह को लेकर विवाद शुरू हुए जिस कारण 1965 में काम बंद करना पड़ा। इसके बाद 1993 में दोबारा खुदाई शुरू जिसके बाद इस शहर के कई राज बाहर आए।
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