इसे माना जाता है दुनिया का सबसे छोटा देश, आबादी जान चकरा जाएंगे आप!
ये धरती 51 करोड़ से ज्यादा क्षेत्रफल तक फैली हुई है। यहां ऐसे बड़े-बड़े देश हैं जिनकी क्षेत्रफल भी काफी बड़ी है। वहीं इस दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां का क्षेत्रफल 0.25 किलोमीटर है और आबादी मात्र 27 लोग.....
दुनिया में करीब 195 देश हैं जिन्हें इंटरनेशनल मान्यता प्राप्त है। वहीं, कुछ देश ऐसे भी हैं जिनका असित्व तो है पर उन्हें किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं प्राप्त है, इसलिए इनकी गिनती नहीं हो पाती। ऐसा ही एक देश है दुनिया में जो सबसे छोटा है इस देश की आबादी इतनी कम है कि जितनी हमारे देश के किसी ज्वाइंट फैमिली की संख्या होती है। आपको बता दें की हाल ही में हमारे देश भारत ने आबादी में चीन को पीछे छोड़ दिया है और इसी के साथ हम आबादी के मामले में पहले नंबर पर आ गए हैं। वहीं जिस देश के बारे में हम आपको बताने वाले हैं वहां कि जनसंख्या मात्र 27 है। जानकार आप चौंक गए होंगे और खुद पर यकीन नहीं हो रहा होगा, पर ये सच है।
इंग्लैंड के पास है ये देश
दुनिया का सबसे छोटा देश इंग्लैंड के पास है। इसका नाम सीलैंड है। इंग्लैंड के सफोल्क बीच से करीब 10 किमी की दूरी पर यह देश बसा हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि यह देश एक किले पर बसा है, जो करीब-करीब खंडहर हो चुका है। इसी कारण इस किले को सीलैंड के अलावा रफ फोर्ट भी कहा जाता है। द्वितीय विश्य युद्ध के दौरान ब्रिटेन ने इस किले को बनावाया था। कई सालों बाद ब्रिटेन ने इस किले को खाली कर दिया। फिर इसके बाद से सीलैंड पर अलग-अलग लोगों का कब्जा रहा है। बता दें इस देश को माइक्रो नेशन कहा जाता है। 9 अक्टूबर 2012 को रॉय बेट्स नाम के एक व्यक्ति ने अपने आपको सीलैंड का प्रिंस घोषित कर दिया था। इसके बाद जब बेट्स की मौत हुई तो इस पर उनका बेटा माइकल का राज करने लगा।
इन्हें माइक्रो नेशन कहा जाता है
जानकारी के लिए बता दें कि सबसे छोटे देश को माइक्रो नेशन कहा जाता है और इन्हें इंटरनेशनल स्तर पर मान्यता नहीं मिल पाती है। यह किसी देश का हिस्सा भी नहीं होते हैं। वहीं बात करें अगर सीलैंड के कुल क्षेत्रफल की तो ये 250 मीटर (0.25 किलोमीटर) है। इतना ही नहीं सीलैंड को अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलने के बाद भी यहां की अपनी करेंसी और स्टाम्प टिकट है। सीलैंड का क्षेत्रफल बहुत कम होने की वजह से इनके पास आजीविका का कोई भी संसाधन नहीं है। बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि जब सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इस देश के बारे में पता चला, तो लोग मदद के लिए आगे आए थे। उन्होंने इस देश को ढेर सारा चंदा दिया। इसके बाद यहां के लोगों का गुजारा होने लगा।
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