काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University) के चार रिसर्चरों को देश की प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के लिए चयनित किया गया है। हाई क्वालिटी की रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई यह योजना केवल चुनिंदा केन्द्रीय यूनिवर्सिटीों में ही लागू है। इस योजना के चयन के नौवें चक्र यानि मई 2022 के लिए BHU से सुलग्ना बासु (बायोइन्फोर्मेटिक्स, महिला महाविद्यालय) (डायरेक्ट एंट्री), प्रांशु कुमार गुप्ता (कमेस्ट्री), पुनीत दुबे (फिजिक्स) विज्ञान संस्थान, और अर्पण मुखर्जी का पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान (लेटरल एंट्री) का चयन हुआ है। देश के चुनिंदा केन्द्रीय यूनिवर्सिटीों के लिए शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य अच्छे छात्रों को अनुसंधान की ओर आकर्षित कर उन्हें हाई क्वालिटी रिसर्च के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना की घोषणा भारत सरकार द्वारा 2018-19 के वार्षिक बजट में की गई थी।
मिलेगा 70 से 80 हजार रुपए
योजना के अंतर्गत चयनित रिसर्चरों को आकर्षक फेलोशिप राशि के साथ-साथ अनुसंधान अनुदान भी मिलता है। पहले दो वर्षों में रिसर्चर को 70,000 रुपये हर महीने मिलेगा। जबकि तीसरे वर्ष में 75,000 रुपये हर महीने और चौथे और पांचवे वर्ष में 80,000 रुपये हर महीने उन्हें दी जाएगी। फेलोशिप के दौरान एक शोधार्थी पांच वर्ष तक 2 लाख रुपये प्रतिवर्ष (कुल दस लाख रुपये) के अनुसंधान अनुदान को भी प्राप्त कर सकता है।
कैसे चुने जाते हैं रिसर्चर
इस योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कठिन परीक्षा के बाद रिसर्चर चुने जाते हैं। काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) में प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप की समन्वयक डॉ. मौशुमी मुत्सुद्दी ने इस पर मीडिया से कहा कि यूनिवर्सिटी के लिए यह अत्यंत गर्व का विषय है कि यहां के चार शोधार्थी इस योजना के तहत चुने गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले चरण के चयन में यूनिवर्सिटी से चयनित विद्यार्थियों की संख्या में और इजाफा देखने को मिलेगा।
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