नई शिक्षा नीति आधुनिकता के सारे आयामों को जोड़ती है : डॉ. निशंक
आईआईटी रुड़की ने ऑनलाइन शिक्षा के साथ ही थेरैप्युटिक इंटरवेंशंस, सर्विलांस स्ट्रैटेजी, डायग्नोस्टिक टूल्स के क्षेत्र में रिसर्च तथा कम्युनिटी के बीच जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
नई दिल्ली। आईआईटी रुड़की ने ऑनलाइन शिक्षा के साथ ही थेरैप्युटिक इंटरवेंशंस, सर्विलांस स्ट्रैटेजी, डायग्नोस्टिक टूल्स के क्षेत्र में रिसर्च तथा कम्युनिटी के बीच जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इसके अलावा कम कीमत वाले पोर्टेबल वेंटीलेटर प्राणवायु का निर्माण यहां किया गया है। मंगलवार को यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी। कोरोना काल में आईआईटी रुड़की द्वारा किए गए आविष्कारों की जानकारी देते हुए निशंक ने कहा, "फेस शील्ड के लिए 3 प्रिंटेड फ्रेम, फेस मास्क के लिए नैनो कोटिंग सिस्टम का प्रयोग, पीपीई किट, बहुत ही कम समय में कोविड की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर, स्टेरलाइजेशन बॉक्स यूनीसेवियर बॉक्स, कोरोना अवन तथा कम्युनिटी किचन जैसे कार्यक्रम तथा आविष्कारों के माध्यम से पूरे मानव जाति की सेवा में इस संस्थान ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा आईआईटी रुड़की में एक लेक्च र हॉल कॉम्प्लेक्स, सेंट्रलाइज्ड हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग प्लांट (एचवीएसी) और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने आईआईटी रुड़की द्वारा कृषि क्षेत्र में किये गए कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "हमारी धारणा यही होती है कि उच्च शिक्षा से जुड़े छात्र कृषि क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं, परंतु आईआईटी रुड़की इस बात का अपवाद है। यह एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज, ऑन फार्म वॉटर मैनेजमेंट, एग्रोमेट फील्ड यूनिट आदि पहलो के माध्यम से किसानों की आय, उनकी उत्पादकता के क्षेत्र में तो कार्य कर ही रहा है, साथ ही अपने एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन्स के माध्यम से हमारे किसान भाइयों को जागरूक तथा आत्मनिर्भर भी बना रहा है।"
केंद्रीय मंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए कहा कि, "अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का रास्ता शिक्षा और शिक्षा नीति से होकर ही गुजरता है। हमारी नई शिक्षा नीति इंडिया, इंटरनेशनल, इंपैक्टफुल, इंटरएक्टिव और इंक्लूसिविटी के तत्वों को एक साथ समाहित करती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग के दौर में हमारी शिक्षा नीति आधुनिकता के सभी आयामों के साथ बहु विषयक और बहुभाषी पक्षों को भी लेकर चल रही है।"
उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से आईआईटी रुड़की सहित सभी शिक्षण संस्थानों का नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए कहा, "इस नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु अपने नेशनल तथा इंटरनेशनल ब्रांड एलुमनाई का एक नेटवर्क तथा टास्क फोर्स बनाइए और अपने अनुभव, अपने एक्सपर्टीज, अपने ज्ञान, अपनी विद्या का दान कीजिए, ताकि बाकि लोग भी इससे लाभान्वित हो सकें। आप रास्ता दिखाइए, युक्ति के साथ जुड़िये। आप सभी शिक्षा नीति के अहम हिस्से हैं, आप सभी शिक्षा नीति के ब्रांड एंबेसडर हैं।"
आईआईटी में 13,254 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित नए लेक्च र हॉल कॉम्प्लेक्स का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था। इसकी लागत लगभग 80.25 करोड़ रुपये है। इसमें 4,480 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है। इस हॉल में सात कक्षाएं ऐसी हैं, जिनमें प्रत्येक में 250 छात्रों के बैठने की क्षमता है। 11 कक्षाएं ऐसी हैं, जिसमें 150 छात्रों के बैठने की क्षमता है और 24 अन्य कक्षाओं में 45 छात्रों के बैठने की क्षमता है। नए लेक्च र हॉल में प्राकृतिक रोशनी एवं वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखा गया है। आधुनिक वास्तुकला का अनुसरण किया गया है।
यहां दिव्यांग छात्रों की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इस लेक्च र हॉल में डिजिटल वायरलेस यूएचएफ डूएल-चैनल माइक्रोफोन, 10-एनालॉग इनपुट और 8-एनालॉग आउटपुट के साथ डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर और प्रतिध्वनि को समाप्त करने की तकनीक, 7200 ल्यूमन्स लेजर प्रोजेक्टर, एलईडी बैकलाइट के साथ 86 इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल, 189 डायगोनल मोटोराइज्ड टैब-टेंशन स्क्रीन और एचडीएमआई मैट्रिक्स स्विचर जैसी अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है।