नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की कार्यकारी परिषद ने 26 जनवरी को लाल किले प्रांगण सहित दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर कथित किसान आंदोलनकारियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। डूसू कार्यकारी परिषद द्वारा पारित निंदा प्रस्ताव में हिंसावादियों द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान की कड़ी आलोचना व कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही छात्रसंघ की कार्यकारी परिषद ने कृषि सुधारों के खिलाफ हिंसा फैलाकर खड़ी की जा रही बाधा के प्रति किसानों को सचेत रहने का आग्रह किया है।
बुधवार को हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया, उपाध्यक्ष प्रदीप तंवर, सह सचिव शिवांगी खरवाल मौजूद रहे।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की कार्यकारी परिषद ने कहा, "लाल किले के विभिन्न गुंबदों पर खालिस्तानी और अन्य अवांछित झंडे फहराने की हम आलोचना करते हैं। इस कृत्य से अराजकता का माहौल पैदा हुआ है।"
डूसू कार्यकारी परिषद ने छात्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्तर पर प्रभावित करने वाली हिंसा के खिलाफ मजबूत आवाज उठाते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस पर भारत की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा के खिलाफ कथित किसान आंदोलन की आड़ में बने हिंसा के परिदृश्य ने देश को शर्मशार किया है ।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ, भय का माहौल बनाने वालों तथा हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता है।
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