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Hindi News एजुकेशन आगरा की इस यूनिवर्सिटी में हुआ अब तक का बड़ा स्कैम! 2000 पुरुष स्टूडेंट को बना दिया 'महिला'

आगरा की इस यूनिवर्सिटी में हुआ अब तक का बड़ा स्कैम! 2000 पुरुष स्टूडेंट को बना दिया 'महिला'

आगरा की एक यूनिवर्सिटी ने एक बड़ा खुलासा किया है कि उसके यहां के कुछ कॉलेजों ने निजी स्वार्थ के चलते 2000 पुरुष स्टूडेंट्स को महिला उम्मीदवार बना दिया।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक फोटो

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें लगभग 2,000 पुरुष छात्रों को यूनिवर्सिटी से संबद्ध 3 प्राइवेट कॉलेजों में परीक्षा देने के लिए धोखाधड़ी से छात्राओं के रूप में रजिस्टर पाया गया। यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक ओम प्रकाश ने बताया कि मेजर अंगद सिंह महाविद्यालय, मैनपुरी में एसबीडी कॉलेज ऑफ साइंस एंड एजुकेशन और मथुरा में गुलकंदी लालाराम महाविद्यालय में अनियमितताएं पाई गईं। इन कॉलेजों को 'स्व-केंद्र' के रूप में नामित किया गया था।

ऐसे हुआ खुलासा

TOI के मुताबिक, आगे कहा गया कि यूनिवर्सिटी अधिक छात्राओं वाले कॉलेजों को परीक्षा के लिए स्व-केंद्र बनाने की अनुमति देता है, जहां कॉलेज अपने स्वयं के स्टाफ सदस्यों को पर्यवेक्षक के रूप में रख सकते हैं। यह अनियमितता मंगलवार को तब सामने आई जब पहली, दूसरी और तीसरी शिफ्ट में छात्रों की संख्या में काफी अंतर देखा गया। नामांकन डेटा से पता चला कि वास्तविक छात्रों की संख्या केंद्रों में कुल सीटों से बहुत कम थी।

इसके बाद यूनिवर्सिटी ने केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की उसमें भी इस गड़बड़ी की पुष्टि हुई। फुटेज में इन केंद्रों पर पुरुष छात्र परीक्षा देते हुए दिखाई दिए जबकि अक्सर महिलाओं की संख्या अधिक होती है। कुछ मामलों में, पूरे कमरे में केवल पुरुष छात्र ही बैठे थे। इस खुलासे के बाद, यूनिवर्सिटी ने आगे की जांच तक सभी तीन परीक्षा केंद्रों को तुरंत रद्द कर दिया।

21 नवंबर को शुरू हुई थी परीक्षा

यूनिवर्सिटीज प्राधिकारियों को शक है कि यह घोटाला संबंधित कॉलेजों के प्रशासकों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर नकल कराने तथा पास पर्सेंटाइनल बढ़ाने के लिए किया गया था। 

बता दें कि ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुशन की परीक्षाएं 21 नवंबर को शुरू हुई थीं, परीक्षा शुरू होने से कुछ समय पहले तक फॉर्म जमा किए गए थे। आरोपित कॉलेजों के प्रशासकों पर आरोप है कि उन्होंने मार्कशीट में एक खामी का फायदा उठाया, जिसमें छात्रों की तस्वीरें और पिता का नाम तो शामिल है, लेकिन जेंडर डिटेल नहीं दिया गया है।

रिकॉर्ड में दिखी महिलाएं

जब परीक्षा एजेंसी ने इन केंद्रों पर छात्रों के रिकॉर्ड उपलब्ध कराए, तो उनमें से अधिकांश को महिला दिखाया गया था, जबकि विजुअल में सिर्फ लड़के ही दिखाई दे रहे थे। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है और निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अन्य कॉलेजों के रिकॉर्ड की भी जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी इसी तरह की गड़बड़ी तो नहीं हुई।

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