आपने कई बार ये सुना होगा कि दिन के बाद रात आती है और रात के बाद दिन। पर दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां 6 महीने तक रात ही नहीं होती है। अब आप सोच रहे होंगे कि जलवायु परिवर्तन के कारण, पर नहीं। जलवायु परिवर्तन के कारण दिन और रात के घंटों में पहले की तुलना में कुछ फर्क आया है, लेकिन दिन के बाद रात होना और रात के बाद दिन ये करीब-करीब निर्धारित टाइम पर ही होता है। धरती के इस हिस्से में एक दिन में 24 घंटे तो होते है, लेकिन ये हमारे यहां जैसे दिन और रात में नहीं बंटे होते हैं। आइए जानते हैं ऐसी कौन-सी जगह है धरती पर...
-80 डिग्री सेल्सियस तक गिरता है तापमान
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अंटार्कटिक की। यहां सब जगहों की तरह चार मौसम नहीं पाए जाते हैं। यहां केवल दो ही मौसम गर्मी और सर्दी ही होती है। इनमें भी 6 महीने की रात और 6 महीने का दिन। ये दोनों ही लोगों के जीने के लिए मुश्किल पैदा करती है। साइंटिस्ट्स की मानें तो धरती के इस हिस्से में 6 महीने दिन और 6 महीने रात यानी 180-180 दिन और रात रहने का कारण पृथ्वी का अपनी धुरी पर टेढ़ी होकर घूमना है। बता दें इस जगह के अलावा ऐसा कहीं भी नहीं होता है। बता दें कि अंटार्कटिका में कोई नहीं रहता है, लेकिन रिसर्च करने के लिए साइंटिस्ट की टीम सर्दियों में यहां जाते हैं और इसकी दौरान वो सभी अलग-अलग खोज करते हैं। यहां सर्दियों के मौसम में माइनस 80 डिग्री सेल्सियस तक तापमान गिर जाता है। इतनी सर्दी में इंसान का सर्वाइव करना मुश्किल हो जाता है।
ढका रहता है बर्फ
जानकारी दे दें कि अंटार्कटिक दुनिया में सबसे ठंडा महाद्वीप है। अंटार्कटिक का क्षेत्रफल 140 लाख वर्ग किलोमीटर है। इसके अलावा अंटार्कटिक एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है। अंटार्कटिक का 98% भाग (औसतन 1.6 किलोमीटर) मोटी बर्फ की चादर से ढका हुआ है। बता दें कि अंटार्कटिक में मई के मध्य से सूरज छुप जाता है और 6 महीने तक घना अंधेरा छा जाता है।
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