Study Abroad: भारतीय छात्रों में विदेश जाकर हायर स्टडी करने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और यूके जैसे देशों के यूनिवसिर्टी में दाखिला पाने के लिए लाखों छात्र हर साल प्रयास करते हैं। हालांकि विदेश में एजुकेशन हासिल करना करियर के लिए जितना फायदेमंद है, उतना ही वहां पर रहकर पढ़ाई करना जोखिम भरा भी है। विदेशों में पढ़ाई के दौरान होने वाला खर्च अभिभावकों का कमर तोड़ देता है। भारी भरकम पैसे खर्च करने के बाद भी जम मनपसंद जॉब नहीं मिल पाती तो यह बेहद निराशाजनक होता है। इसलिए जरूरी है, कि अगर आप विदेश में पढ़ाई करने जा रहे हैं, तो संबंधित यूनिवसिर्टी की पूरी जानकारी हासिल करने के साथ एजुकेशन से लेकर जॉब हासिल करने तक का पूरा प्लान पहले ही बना लें। यहां बताए जा रही बातों को ध्यान में रखकर आप आप अपने प्लान को फुलप्रूफ कर सकते हैं।
खर्च का हिसाब-किताब पहले ही कर लें
दूसरे देश में पढ़ाई करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत पैसे की पड़ती है। इसलिए किसी भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से उसके ट्यूशन फीस के साथ वहां के दूसरे सभी खर्च का पूरा ब्यौरा हासिल कर लें। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर फीस को लेकर जो जानकारी दी जाती है, एडमिशन लेने के बाद उससे ज्यादा देना पड़ता है। इसके साथ ही छात्र उस यूनिवर्सिटी में मिलने वाले स्कॉलरशिप की भी पहले से जानकारी ले लें।
इंटर्नशिप पर फोकस रखें
विदेश में पढ़ाई करने का मुख्य मकसद अच्छी जॉब हासिल करना होता है, इसलिए किसी भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से पहले वहां पर इंटर्नशिप के अवसर पर पूरी रिसर्च कर लें। क्योंकि विदेशों में भी कई ऐसी यूनिवर्सिटी होती हैं, जो सिर्फ एजुकेशन देने तक ही सीमित होती हैं। इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को बाद में इंटरर्नशिप और जॉब के लिए भटकना पड़ता है। इसलिए उडमिशन सिर्फ उसी यूनिवर्सिटी में लें, जहां पर इंटर्नशिप का मौका मिलता हो।
शैक्षिक संभावनाएं देखें
विदेश में पढ़ाई करने के लिए बैगपैक करने से पहले यूनिवर्सिटी के शैक्षिक संभावनाओं की भी पूरी जानकारी हासिल करना जरूरी होता है। यानी छात्रों को जिस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना है उसकी रैंकिंग, उसके कोर्स और स्कॉलरशिप के अवसर आदि की जानकारी होनी चाहिए।
यूनिवर्सिटी के बाद करियर
विदेश के किसी भी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने से पहले वहां कोर्स के बाद करियर में मिलने वाले फायदे का आकलन जरूर कर लें, ऐसा न हो कि एजुकेशन के बाद आपको भटकना पड़े। दरअसल, कई यूनिवर्सिटी की ऐसी पहचान होती है, जहां पढ़ने वाले छात्रों को बगैर परेशानी के जॉब मिल जाता है, वहीं ऐसे संस्थान भी होते हैं, जहां पढ़ने वाले टैलेंट छात्रों को भी जल्द जॉब नहीं मिलती।
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