अब 10वीं और 12वीं बोर्ड के छात्रों के पास साल में 2 बार एग्जाम देने का विकल्प होगा। इसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र ने दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि एकेडमिक सेशन 2025-26 से छात्रों के पास साल में दो बार 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने का विकल्प होगा। प्रधान ने कहा कि योजना का उद्देश्य शैक्षणिक तनाव को कम करना है और 2020 में शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में दिए गए उद्देश्यों को पूरा करना है।
पर्याप्त समय और अवसर देगी
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनईपी 2020 में छात्रों को अकादमिक रूप से एक्सीलेंसी प्राप्त करने व छात्रों को पर्याप्त अवसर देने के लिए द्विवार्षिक बोर्ड परीक्षाओं की रूपरेखा तैयार की गई है। पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय के घोषित नए सिलेबस (एनसीएफ) के अनुसार, छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड परीक्षाएं साल में कम से कम दो बार आयोजित की जाएंगी। उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बरकरार रखने का विकल्प भी मिलेगा।
देश को एक विकसित देश बनाने का सूत्र
रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में कार्यक्रम के दौरान, शिक्षा मंत्री प्रधान ने छात्रों के साथ बातचीत की, नए परीक्षा प्रारूप के प्रति उनके स्वागत का आकलन किया और उनसे दोनों परीक्षाओं में अपनी उच्चतम क्षमता का लक्ष्य रखने का आग्रह किया। शिक्षा मंत्री ने कहा, "एनईपी के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण छात्रों को तनाव मुक्त रखना, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना, छात्रों को संस्कृति से जोड़े रखना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। यह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का सूत्र है।"
स्कूलों पर ₹2 करोड़ होगा खर्च
बता दें कि प्रधान छत्तीसगढ़ में पीएम एसएचआरआई (प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के शुभारंभ पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण के तहत, राज्य के 211 स्कूलों को हर एक पर ₹2 करोड़ खर्च करके 'हब एंड स्पोक' मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।
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