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Hindi News एजुकेशन पुराने और रिसाइकल कागज पर नहीं छपेंगी छात्रों की किताबें

पुराने और रिसाइकल कागज पर नहीं छपेंगी छात्रों की किताबें

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) छात्रों के लिए केवल नए कागजों पर ही किताबें छापेगा। किताबें छापने के लिए पुराने और रिसाइकिल कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

<p>students' books will not be printed on old and recycle...- India TV Hindi Image Source : PTI students' books will not be printed on old and recycle paper

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) छात्रों के लिए केवल नए कागजों पर ही किताबें छापेगा। किताबें छापने के लिए पुराने और रिसाइकिल कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक रिसाइकिल कागज से छात्रों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को नई दिल्ली में एनआईओएस की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनीता करवाल भी मौजूद थी।

निशंक ने एनआईओएस से कहा, "वह अपनी पुस्तकों के प्रकाशन के लिए रिसाइकिल किए गए कागजों का उपयोग न करें, क्योंकि यह छात्रों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं है। अपनी पुस्तकों का प्रकाशन करने के लिए केवल नए कागजों का ही उपयोग करें।"शिक्षा मंत्री ने एनआईओएस को निर्देश दिया कि एनआईओएस द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की समीक्षा की जाए जिससे कि छात्रों की जरूरत के अनुसार कुछ नए विषयों को इसमें सम्मिलित किया जा सके।

एनआईओएस के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर उन्हें एनआईओएस परीक्षा केंद्रों के खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो वो जल्द से जल्द उन शिकायतों का समाधान करें। एनआईओएस अधिकारियों को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने का भी निर्देश दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने एक डैशबोर्ड बनाने का भी सुझाव दिया, जिसमें देश भर के सभी केंद्रों की विस्तृत जानकारी और संपर्को को शामिल किया जाना चाहिए। इसमें हितधारकों से संबंधित सारी जानकारियों और सुझावों को शामिल किया जाएगा जिससे कि प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा सके।

शिक्षा मंत्री ने कहा, "एनआईओएस दुनिया की सबसे बड़ी खुली स्कूली शिक्षा प्रणाली है और जमीनी स्तर तक शिक्षा प्रदान करने के लिए इसका उपयोग हमारे द्वारा और भी प्रभावी रूप से किया जाना चाहिए।"उन्होंने कहा, "हमें अपने देश के अशिक्षित लोगों को शिक्षित करने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग करना चाहिए।"उन्होंने अधिकारियों को इस संदर्भ में संभावनाओं की समीक्षा करने के लिए एक टीम का गठन करने के भी निर्देश दिए। मंत्री ने सुझाव दिया कि एनसीईआरटी की तर्ज पर एनआईओएस का पाठ्यक्रम बनाना चाहिए, जिससे कि छात्रों को विषयों की बेहतर समझ प्राप्त हो सके।

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