BPSC की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। 68वीं BPSC संयुक्त परीक्षा में प्रीलिम्स एग्जाम से लेकर मेन्स एग्जाम तक बड़ा बदलाव हुआ है। बीपीएससी की ओर से एक नोटिस भी जारी कर दिया गया है। नोटिस के मुताबिक बीपीएससी की दोनों, प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के मुताबिक अब पहले की तरह परीक्षा नहीं होगी।
प्रीलिम्स एग्जाम में हुए बदलाव
प्रीलिम्स एग्जाम के सभी 150 सवालों पर निगेटिव मार्किंग की गई है। हर गलत प्रश्न पर 0.25 नंबर काटें जाएंगे या यूं कहें कि 4 प्रश्नों के गलत उत्तर देने पर एक नंबर कटेंगे। यानी अब परीक्षार्थियों को तुक्का लगाना मंहगा पड़ेगा। बता दें कि BPSC में 2 घंटे के समय अंतराल में 150 प्रश्न हल करने होते हैं।
जानें मेन्स एग्जाम में क्या किए गए बदलाव
अगर बात मेन्स की बात करें तो मेन्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट का महत्व काफी कम हो गया है। ऑप्शनल सब्जेक्ट की जगह निबंध (Essay) की परीक्षा ली जाएगी। ये 300 अकों की होगी। पहले की तरह यह भी एक क्वालिफाइंग पेपर है। ऑप्शनल सब्जेक्ट के 100 नंबर के मल्टीऑप्शनल प्रश्न होंगे। इस प्रश्न पत्र में आप जितना भी अंक प्राप्त कर लें, वह आपके अंतिम मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ेगा, यानी यह भी एक क्वालिफाइंग पेपर होगा।
सामान्य हिंदी में इतने प्रतिशत नंबर लाना अब अनिवार्य
एग्जाम पैटर्न के इस बदलाव के संबंध में BPSC के सचिव सह एग्जाम कंट्रोलर अमरेंद्र कुमार ने मंलवार को नोटिस जारी कर दी है। बता दें कि सामान्य हिंदी में 30 प्रतिशत नंबर लाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन मेरिट लिस्ट में इसकी काउंटिंग नहीं की जाएगी।
ऑप्शनल सब्जेक्ट में सामान्य छात्रों के लिए 40 फीसदी और पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 फीसदी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34 फीसदी और अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा महिला दिव्यांग के लिए 32 फीसदी अंक लाना अनिवार्य किया गया है।
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