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Hindi News एजुकेशन यूपी के बाद अब इस राज्य में बदली जा सकती है स्कूलों की टाइमिंग, जानें इसकी वजह

यूपी के बाद अब इस राज्य में बदली जा सकती है स्कूलों की टाइमिंग, जानें इसकी वजह

बेंगलुरु में स्कूलों की टाइमिंग बदल सकती है। इस बारे में शिक्षा विभाग काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। 5 अक्टूबर को विभाग स्कूलों के साथ इस बारे में चर्चा भी करेगा।

School timing- India TV Hindi Image Source : FREEPIK बदल सकती है बेंगलुरु में स्कूलों की टाइमिंग

इन दिनों बेंगलुरु में काफी ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। ऐसे बच्चों के स्कूल भी प्रभावित होते है। इसी को लेकर बेंगलुरु में स्कूलों का समय बदलने की संभावना है। शिक्षा विभाग इस संबंध में शहर भर में स्कूल के समय में संशोधन करने पर विचार बना रहा है। इसके लिए वह अक्टूबर को सभी स्कूलों के साथ चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित करेगा। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग कर्नाटक हाई कोर्ट के एक सुझाव के बाद, शहर में सड़कों पर भीड़ कम करने के लिए स्कूलों के समय को आधे घंटे से एक घंटे तक आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है। 

माता-पिता और स्कूल संघों को चिंता

हालाँकि, माता-पिता और स्कूल संघों द्वारा स्कूल शेड्यूल में बदलाव को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। अभी वर्तमान में, बेंगलुरु के अधिकांश स्कूल सुबह लगभग 8.30 बजे शुरू होते हैं, लेकिन विभाग समय को 30 मिनट से 60 मिनट तक आगे बढ़ाने के बारे में मन बना रहा है। माता-पिता और अभिभावक छात्रों के हेल्थ और मेंटल कंडिशन के बारे में चिंता जता रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूल के समय को बदलने के बजाय, माता-पिता, स्कूलों और अन्य अभिभावक ने सड़कों पर भीड़ कम करने में मदद के लिए स्कूलों के पास प्रमुख ट्रैफिक एरिया में अधिक तदाद में पुलिसकर्मियों को तैनात करने का सुझाव दिया है।

शिक्षा विभाग करेगा बैठक

स्कूल के समय पर चर्चा के लिए कर्नाटक शिक्षा विभाग कल 5 अक्टूबर को निजी स्कूलों के संघ, स्कूल वाहनों के संघ और अभिभावकों के साथ बैठक करेगा। कर्नाटक हाई कोर्ट ने पिछले महीने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह मुद्दा उठाया था. मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण दीक्षित की पीठ ने आदेश में कहा कि राज्य सरकार यातायात को कम करने के लिए स्कूल के समय में बदलाव पर चर्चा करने के लिए निजी और सार्वजनिक संस्थानों, स्कूल बस ऑपरेटरों और अभिभावक संघों के प्रतिनिधियों सहित हितधारकों की एक बैठक बुला सकती है। बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा को ध्यान में रखें।

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