रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए फिलहाल राज्य के स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है। बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सोमवार को दिशानिर्देश जारी किए थे। इनमें परिसरों की पूरी तरह सफाई और उन्हें संक्रमणमुक्त करना, उपस्थिति की नीतियों में लचीलापन रखना, तीन सप्ताह तक मूल्यांकन नहीं करना और कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान घर से पढ़ाई से सुगमता से औपचारिक स्कूल प्रणाली तक बदलाव सुनिश्चित करना शामिल है। हालांकि कई राज्य सरकारें स्कूलों को खोलने में अभी हिचक रही हैं।
छत्तीसगढ़ में रोजाना बड़ी संख्या में आ रहे कोरोना के मामले
राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने फिलहाल स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है। राज्य में गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 2873 नए मामले सामने आए। इसी के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,34,612 तक पहुंच गई। वहीं, गुरुवार को इस बीमारी से 24 लोगों की मौत भी हो गई, जिससे मृतकों का आंकड़ा भी 1158 तक पहुंच गया। छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य के लिए ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। यही वजह है कि सरकार फिलहाल सूबे के स्कूलों को खोलकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।
केंद्र सरकार ने जारी किए थे स्कूल खोलने के दिशानिर्देश
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को क्रमिक तरीके से पुन: खोलने के लिए दिशानिर्देशों जारी किए थे। इन निर्देशों में कहा गया था, 'स्कूलों को सभी क्षेत्रों, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, पानी के टैंकों, रसोई घरों, कैन्टीन, शौचालयों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों की पूरी तरह सफाई करने और उन्हें संक्रमणमुक्त करने की व्यवस्था करनी चाहिए तथा स्कूल के भीतरी परिसर में हवा का प्रवाह सुनिश्चित करना चाहिए। स्कूलों को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर उनके खुद की एसओपी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है जिनमें सुरक्षा के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जाए। छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति से ही स्कूल आ सकते हैं। छात्र चाहें तो स्कूल आने के बजाय ऑनलाइन कक्षाएं ही करते रह सकते हैं।’
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