इस राज्य में आखिरकार खुल गए स्कूल और कॉलेज, 13 दिनों तक थे बंद
लंबे समय इंतजार करने के बाद आखिरकार मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के स्कूल खोल दिए गए हैं।
आखिरकार 13 दिनों तक स्कूल और कॉलेज बंद रहने के बाद इंफाल घाटी और जिरीबाम जिले में आज से स्कूल और कॉलेज खुल गए हैं। बीते दिन मणिपुर सरकार ने स्कूलों को खुलने के आदेश जारी किए थे। घाटी के जिलों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार होने के साथ राज्य की राजधानी इंफाल में आज स्कूली यूनिफॉर्म पहने छात्र और उनके अभिभावक बसों का इंतजार करते दिख।
इन जिलों के खुले स्कूल
शिक्षा निदेशालय और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने बीते दिन इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल और जिरीबाम जिलों में कक्षाएं फिर से शुरू करने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार के अधिकारी के. बिकन सिंह ने कहा, "यह बड़ी राहत की बात है कि स्कूल फिर से खुल गए हैं। बता दें कि के. बिकन सिंह के दो बच्चे इम्फाल के एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। आगे उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे, जो कक्षा 6 और कक्षा 7 में हैं, की अंतिम परीक्षाएं दिसंबर के दूसरे हफ्ते से शुरू होने वाली थीं और सिलेबस अभी भी पूरा होना बाकी है। स्कूलों के फिर से खुलने से टीचर्स को अपने छात्रों के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा।
16 नवंबर से बंद चल रहे थे स्कूल और कॉलेज
मणिपुर की जिरी और असम की बराक नदियों से तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव बरामद होने के बाद घाटी के जिलों और जिरीबाम में शैक्षणिक संस्थान 16 नवंबर से बंद चल रहे थे। इस बीच, एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, राज्य सरकार ने शुक्रवार को घाटी के सभी 5 जिलों और जिरीबाम में सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का आदेश दिया है ताकि लोग आवश्यक वस्तुएं और दवाएं खरीद सकें।
जरूरी चीजों की दी गई ढील
सरकारी आदेश के मुताबिक, "जिलों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंधों में ढील देने की जरूरत है, ताकि जनता को दवाइयां और खाद्य पदार्थ सहित जरूरी वस्तुएं खरीदने में सुविधा हो सके। शुक्रवार को सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों के अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध हटाया जाता है।"
बता दें कि इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, काकचिंग और थौबल के जिलाधिकारियों ने लेकर अलग-अलग आदेश जारी किए। आगे आदेश में कहा गया, "हालांकि, छूट में सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी प्राप्त किए बिना कोई भी सभा/धरना/रैली शामिल नहीं होगी।"
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