नई दिल्ली ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाले राज्यों को भी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरना होगा। योजना की शुरुआत में इस लक्ष्य को प्राप्त करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, यह राज्यों के लिए एक मुश्किल लक्ष्य है। इसके बावजूद, नीति समयबद्ध तरीके से शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने पर जोर देती है। शिक्षा मंत्रालय, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में लगा हुआ है, उस पर भी कड़ी नजर रख रहा है। वर्तमान में, राज्यों से शिक्षकों के रिक्त पदों का विवरण एकत्र किया गया है
राज्यों से जुटाए गए इस ब्योरे के अनुसार, देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। शिक्षकों के सबसे ज्यादा खाली पद उत्तर प्रदेश और बिहार में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद करीब 7.52 लाख हैं। इनमें से 2.17 लाख पद खाली है। वहीं बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 6.88 लाख हैं। इनमें 2.75 लाख पद खाली हैं। ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की भी है, जहां शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं।
प्रमुख राज्य और शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या
- बिहार - 2.75 लाख
- उत्तर प्रदेश - 2.17 लाख
- झारखंड - 95 हजार
- मध्य प्रदेश - 91 हजार
- बंगाल - 72 हजार
- राजस्थान - 47 हजार
- छत्तीसगढ़ - 51 हजार
- आंध्र प्रदेश - 34 हजार
- उत्तराखंड - 18 हजार
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