MPPSC Exam: मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग यानी पीएससी के परीक्षार्थियों के लिए खुशखबरी है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने एमपीपीएससी के परीक्षार्थियों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। प्रदेश की शिवराज सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पीएससी के परीक्षार्थियों की एग्जाम देने की निर्धारित आयु में 3 साल की बढ़ोतरी की जाती है। हालांकि आयु सीमा में यह बढ़ोतरी सिर्फ एक बार के लिए होगी।
कोरोना के कारण आयु बढ़ाने का लिया निर्णयः शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा है कि कोरोना महामारी के कारण मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा स्थगित रही। इसके चलते कई छात्र निर्धारित अधिकतम आयु सीमा को पार कर गए। पिछले दिनों छात्रों ने इस स्थिति के बारे में बताया गया था। छात्रों की इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ओवर एज हुए छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है।
निर्धारित आयु से तीन साल की बढ़ोतरी की जाएगी
चौहान ने आगे कहा है कि पीएससी परीक्षा के लिए जो निर्धारित अधिकतम आयु है उसमें तीन साल की बढ़ोतरी की जाती है। यह आयु सीमा में बढ़ोतरी सिर्फ एक साल के लिए होगीए क्योंकि कोरोना के कारण पीएससी की परीक्षा स्थगित होने से कई छात्र ओवर एज हो गए हैं इसलिए उन्हें एक मौका देने के लिए यह फैसला लिया गया है।
ओवरएज परीक्षार्थियों में लंबे समय से था रोष
पीएससी के परीक्षार्थियों में इस बात को लेकर रोष था कि कोरोना की वजह से जो पीएससी की परीक्षाएं होने वाली थीं, उनमें आयुसीमा में छूट नहीं दी गई। इसे लेकर इंदौर स्थिति एमपीपीएससी ऑफिस में भी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने अपना विरोध दर्ज कराया था। शिवराज सरकार द्वारा पहले 40 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई थी। हालांकि परीक्षा में ओबीसी आरक्षण और अन्य मुद्दों के कारण कई बार ये परीक्षाएं निर्धारित कैलेंडर से देरी से भी हुईं। कुछ मामलों में परिणाम निकलने में देरी हुई। कई बार एमपीपीएससी की एग्जाम के रिजल्ट घोषित होने के बाद कोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर केस चला गया। ऐसे कई कारणों के चलते एमपीपीएससी की परीक्षाएं के निर्धारित कैलेंडर में देरी हुई। वहीं कई परीक्षार्थी जो कोरोना के कारण निर्धारित आयु सीमा से बाहर हो चुके थे, उनमें काफी रोष था। इन सभी कारणों से अवगत होने के बाद शिवराज सरकार ने आयु सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया।
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