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Hindi News एजुकेशन सरकारी नौकरी यूपी में प्रिंसिपल, टीचर के 27 हजार से ज्यादा पद खाली, युवाओं ने की UPSESSB TGT PGT भर्ती में शामिल करने की मांग

यूपी में प्रिंसिपल, टीचर के 27 हजार से ज्यादा पद खाली, युवाओं ने की UPSESSB TGT PGT भर्ती में शामिल करने की मांग

यूपी में शिक्षा महकमे में 27 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। सरकार ने इस बात की जानकारी सदन में दी है। वहीं, तैयारी कर रहे कुछ युवाओं ने इसे UPSESSB TGT PGT भर्ती में शामिल करने की मांग की है।

UP Teacher Recruitment- India TV Hindi Image Source : FILE यूपी में प्रिंसिपल, टीचर के 27 हजार से ज्यादा पद खाली

यूपी में प्रिंसिपल, टीचर के 27 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। ये जानकारी विधानसभा में राज्य मंत्री ने दी है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रिंसिपल और टीचर्स के 27512 पद खाली हैं। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारी गुलाब देवी ने विधानसभा सदस्य डॉ. अजय कुमार के प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी है। आगे जानकारी देते हुए बताया कि एडेड कॉलेजों में प्रिंसिपल के स्वीकृत 4166 पदों में से 1505 कार्यरत हैं और 2663 खाली पड़े हैं। लेक्चरर के 20525 पदों में से 4384 खाली हैं। ट्रेंड ग्रेजुएट के 66334 पदों में 20465 रिक्त हैं। वहीं, ये जानकारी सामने आने के बाद कुछ छात्रों ने इन सभी रिक्त पदों को 2022 की टीजीटी-पीजीटी भर्ती में जोड़ने की मांग की है।

कम हो गए टीचर्स के लाखों पद

हिंदुस्तान लाइव की खबर के मुताबिक, राज्य के परिषदीय स्कूलों में टीचर्स की संख्या बीते एक साल में 1.39 लाख कम हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग के ये चौंकाने वाले आंकड़े शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में दिए हैं। जवाब में 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में टीचर्स की स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों के बारे में जानकारी दी गई है। साल 2021-22 में जहां शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 7,19,399 थी, वहीं 2022-23 में 5,79,622 रह गई। इससे स्पष्ट है कि एक साल में ही पदों की संख्या में 1,39,777 कम हुई है।

स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी

पदों के कम होने का सीधा असर टीचर्स के खाली पड़े पदों में देखने को मिला है। साल 2021-22 में रिक्त पदों की संख्या जहां 2,65,805 थी वहीं 2022-23 में कम होकर 1,26,028 रह गई और ये थोड़े कम नहीं हुए हैं बल्कि ये संख्या 1,39,777 है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जाने, व्यापार में घाटा होने और अन्य कारणों से सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ गई है। इस कारण टीचर्स की संख्या भी बढ़नी चाहिए।

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