भारत अब तेजी से नए टेक्नोलॉजी युग की तरफ अपने पांव बढ़ा रहा है। स्कूलों में भी तरह-तरह के लैब स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में देश में पहली बार केरल राज्य के 2000 हाई स्कूलों में रोबोट लैब स्थापित किए जाएंगे। राज्य सरकार की एडटेक शाखा, केरल इन्फ्रास्ट्रक्च र एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन दिसंबर 2022 से लैब स्थापित करेगी। जिससे 1.2 मिलियन स्कूली बच्चों को लाभ होगा।
बच्चों को सभी विषयों में मिलेगी मदद
जनरल एजुकेशन मिनिस्टर वी. शिवनकुट्टी ने शनिवार को कहा कि रोबोट लैब के माध्यम से स्कूली बच्चों में नॉलेज स्किल की बढ़ोतरी होगी। 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन आईसीटी नेटवर्क लिटिल काइट्स के माध्यम से 9000 रोबोटिक लैब का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि लिटिल काइट्स भारत में छात्रों का सबसे बड़ा आईसीटी नेटवर्क है।
मंत्री ने आगे कहा कि लिटिल काइट्स कार्यक्रम के तहत रोबोटिक्स एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कॉम्पोनेन्ट है। जिसके जरिए स्कूली बच्चों को आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी लेटेस्ट तकनीकों के क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा छात्रों को कार्यक्रम ट्रेनिंग के दौरान रचनात्मक सोच और समस्या को सुलझाने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही बच्चों को सभी विषयों को सीखने में भी मदद मिलेगी।
60 हजार छात्रों को सीधे ट्रेनिंग दी जाएगी
केरल इन्फ्रास्ट्रक्च र एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (काइट) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनवर सादात ने कहा कि स्कूल में तैनात हर एक रोवोटिक किट में अरडीनो यूनो रेव 3, एलईडी, एसजी90 मिनि सर्वो मोटर, एलडीआर लाइट सेंसर मॉड्यूल, आईआर सेंसर मॉड्यूल, एक्टिव बजर मॉड्यूल, पुश बटन, ब्रीड बटन, जम्पर वायर्स और रेसिस्टर्स हैं। अनवर सादात ने आगे कहा कि जरूरत पढ़ने पर काइट अतिरिक्त पुजरें के सोर्स के लिए स्कूलों को और सहायता प्रदान करेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में रोवोटिक किट लगाने के अलावा 4000 काइट मास्टर्स को भी स्कूलों में इस उपकरण का उपयोग करने के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल का उपयोग करके प्रशिक्षित किया जाएगा। इन काइट मास्टर्स का उपयोग करते हुए काइट 60 हजार छात्रों को सीधे ट्रेनिंग प्रदान करेगा।
इस प्रकार प्रशिक्षित लिटिल काइट्स के सदस्य बदले में अन्य छात्रों को ट्रेनिंग देंगे। जिससे सीधे तौर पर 12 लाख से अधिक छात्रों को लाभ होगा। रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में भी प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसमें ट्रैफिक सिग्नल का विकास, प्रकाश के माध्यम से ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट एक्टिव, इलेक्ट्रॉनिक डोर के अलावा सुरक्षा अलार्म भी शामिल हैं।
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