2 साल पहले कोमा में था ये छात्र, बोर्ड का रिजल्ट आया तो मचा गया धमाल
CBSE के रिजल्ट इस बार चौंकाने वाले आए। इसी में एक ऐसे छात्र ने भी 93 प्रतिशत नंबर हासिल किए, जो 2 साल पहले कोमा में था।
सीबीएसई ने सोमवार को अपना रिजल्ट जारी कर दिया है। इस रिजल्ट में लाखों बच्चों ने अच्छा परफॉर्म किया है, पर दिल्ली के एक युवा की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणादायक है, जो छोटी-छोटी बातों को दिल से लगाकर हार मान लेते हैं। जी हम बात कर रहे है दिल्ली के माधव शरण की। माधव शरण ने बीमारी के हाल से निकल कर इस बार सीबीएसई बोर्ड की 12वीं एग्जाम में 93% नंबर लाकर इतिहास रच दिया है।
इतने दिन तक कोमा में था छात्र
जानकार हैरानी होगी कि छात्र माधव शरण, दो साल पहले कोमा में थे। इसके बावजूद उन्होंने सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा में 93% नंबर हासिल किए। माधव नई दिल्ली में पुष्प विहार के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं। 18 वर्षीय माधव को अगस्त 2021 में ब्रेन हैमरेज हुआ, जिसके बाद वह लगभग 10 दिनों तक कोमा में रहे। माधव को एवीएम (Arteriovenous malformation) के कारण हुए खतरनाक हाइपर-डेंस ब्रेन हैम्बरेज के बाद, काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इस बीमारी से उनका लगभग एक-तिहाई ब्रेन प्रभावित हुआ, जिसका प्रभाव यह हुआ कि वे बोलने, समझने, और लिखने जैसे काम नहीं कर पा रहे थे। माधव की ऐसी जिंदगी अगस्त 2021 में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के बाद से ऐसी हो गई थी।
कोमा अवस्था में हुआ था भर्ती
माधव के पिता दिलीप शरण ने कहा, "माधव को कोमा अवस्था में हॉस्पिटल लाया गया था। पहले हफ्ते तक, जब वह आईसीयू में जीवन के लिए लड़ाई लड़ रहा था, इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं थी कि क्या वह बोल गए शब्दों को समझता है या अभी भी उसे इशारा करने की जरूरत है। वह पूरी तरह से बोलना भूल गया था।" आने वाले कुछ समय तक इस पर अनिश्चितता बनी रही क्योंकि डाक्टर्स को भी माधव की समझ और प्रतिक्रिया के बारे में पता कर पाना मुश्किल लग रहा था।
6 माह तक खुली थी खोपड़ी की हड्डी
दिलीप ने आगे कहा, "उसकी पूरी तरह बोलने की क्षमता खो जाने से हमें लगा कि शायद ही वह अब पहले जैसा हो सके। अगले 12 महीनों में, माधव को दिमाग से संबंधित गंभीर सर्जरी से गुजरना पड़ा, सर्जरी में छह महीने के लिए उसकी खोपड़ी से एक हड्डी के फ्लैप को हटाया गया और उसे खुला छोड़ा दिया गया था।"
ऐसी बाधाओं के बावजूद, माधव ने काबिले तारीफ प्रगति हासिल की। लेकिन अभी भी वह सही से बोलने व सही से काम करने की क्षमता से जूझ रहा था। अपने जीवन की इस कठिन परीक्षा के 6 महीने बाद, माधव ने धीरे-धीरे बोलना शुरू किया। पिता ने कहा, "उसे इंग्लिश फिर से सीखने में करीबन एक साल लगे। हालांकि, इस दौरान उसे हिंदी बोलने व समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।"
स्कूल में हुई वापसी
जुलाई 2022 में माधव की स्कूल वापसी उसके जीवन में मील का पत्थर साबित हुई। अपनी क्षमता को देखते हुए, माधव ने साइंस स्ट्रीम से कला में जाने का फैसला किया। इस दौरान माधव के लिए आर्ट भी आसान नहीं रही पर, माधव के दृढ़ संकल्प और अटूट जुनून ने इसे आसान बना दिया। माधव ने अपनी कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए इंग्लिश, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, फाइन आर्ट्स और फिजिकल एजुकेशन सब्जेक्ट को चुना था।
अब माधव पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा हूं, जो इस हफ्ते के अंत में होने वाली हैं।"
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