वित्तपोषित स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार के वित्तपोषित स्कूलों में अब डीएसएसएसबी द्वारा शिक्षकों का चयन किया जाएगा, ताकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बेहतरीन शिक्षकों के माध्यम से ही बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दी जा सकती है। हम दिल्ली सरकार के स्कूलों के साथ-साथ अपने वित्तपोषित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी विश्वस्तरीय शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में सरकार ने वित्तपोषित स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को मानकीकृत बनाने का निर्णय लिया है, ताकि इन स्कूलों को देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ शिक्षक मिल सकें। साथ ही नई प्रक्रिया के माध्यम से वित्तपोषित स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को तेजी से भरने में मदद भी मिलेगी।
अब तक स्कूल का सिलेक्शन बोर्ड ही शिक्षकों का चयन करता था
उन्होंने कहा कि अबतक दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित स्कूलों में स्कूल का सिलेक्शन बोर्ड ही शिक्षकों का चयन करता था। इस चयन प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर बहुत ज्यादा शिकायतें आती थी। इसपर संज्ञान लेते हुए सरकार ने भर्ती को लेकर एक मानक प्रक्रिया बनाने का निर्णय लिया है। सिसोदिया ने कहा कि इस नई मानक भर्ती प्रक्रिया के तहत शिक्षा निदेशालय द्वारा हर साल वित्तपोषित स्कूलों के लिए डीएसएसएसबी को रिक्त पदों पर भर्तियों के लिए रेक्यूजिशन भेजेगी। इसके पश्चात डीएसएसएसबी प्रत्येक रिक्त पद के लिए लिखित परीक्षा के माध्यम से 3 उम्मीदवारों का चयन करेगी। उसके बाद भर्ती के अंतिम चरण में वित्तपोषित स्कूलों का स्टाफ सिलेक्शन कमिटी इन 3 शोर्टलिस्टेड उम्मीदवारों में से 1 का चयन करेगा।
इस नई भर्ती प्रक्रिया से स्कूलों को बेहतरीन शिक्षक मिलेंगे
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस नई भर्ती प्रकिया के द्वारा वित्तपोषित स्कूलों को बेहतरीन शिक्षक मिल पाएंगे और पुरानी भर्ती प्रक्रिया में पक्षपात और भ्रष्टाचार पर तत्काल अंकुश लगेगा। और शिक्षा विभाग को भर्ती से जुड़े शिकायतों और मुकदमों के निस्तारण में ज्यादा समय नहीं लगाना होगा। बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित लगभग 207 स्कूल है, जिसमें 8300 से ज्यादा शिक्षक हैं। इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन का 95 प्रतिशत दिल्ली सरकार द्वारा दिया जाता है। अबतक इन स्कूलों में शिक्षकों का चयन स्कूल के स्टाफ सिलेक्शन कमिटी द्वारा किया जाता था, जो इंटरव्यू के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती करते थे। इन प्रक्रिया में सरकार को भ्रष्टाचार, अनियमितता, फेवरेटीज्म जैसी शिकायतें मिलती थी, इसलिए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और इन स्कूलों में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के चयन को लेकर सरकार द्वारा नई चयन प्रक्रिया बनाई गई है। इस प्रक्रिया के माध्यम से नियमित अन्तराल पर शिक्षकों की भर्ती भी होती रहेगी।
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