'देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका'- पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी 29 जुलाई 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी 29 जुलाई 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है। देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है। आप इसके प्रतिनिधि हैं, अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।"
'भारत को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना है लक्ष्य'
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पीएम श्री स्कीम के तहत फंड की पहली किस्त जारी की। उन्होंने 12 भाषाओं में 100 किताबें भी लॉन्च कीं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना है। एनसीईआरटी सभी 22 भारतीय भाषाओं के साथ लगभग 130 विषयों में शिक्षा के लिए समाचार पुस्तकें तैयार कर रही है। सामाजिक विज्ञान से लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई अब भारतीय भाषाओं में होगी। पीएम मोदी ने कहा कि यह एनईपी के कारण संभव है और सभी भाषाओं को उनका उचित सम्मान मिलेगा। वह आगे कहते हैं, छात्रों को प्रतिभा के बजाय मातृभाषा के आधार पर आंकना उनके साथ घोर अन्याय है।
अखिल भारतीय शिक्षा समागम 29 और 30 जुलाई, 2023 को आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम में सोलह सेशन होंगे, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शासन तक पहुंच, न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा, भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण, सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूह के मुद्दे, राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क सहित विषयों पर चर्चा होगी।
NEP 2020 को इसलिए किया गया था लॉन्च
भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एनईपी 2020 को 29 जुलाई, 2020 को लाया गया। यह दूरदर्शी नीति भारत में शिक्षा प्रणाली को बदलने का खाका तैयार करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को युवाओं को तैयार करने और उन्हें अमृत काल में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार करने की दृष्टि से लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को बुनियादी मानवीय मूल्यों पर आधारित रखते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इस नीति ने अपने कार्यान्वयन के तीन वर्षों के दौरान स्कूल, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है।