BPSC प्रोटेस्ट को लेकर पप्पू यादव का बड़ा ऐलान, 1 जनवरी को होगा बिहार बंद
BPSC परीक्षा को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, इसी बीच पूर्णिया सांसद ने बड़ा आह्वान किया है कि सभी विपक्षी दलों के नेता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें।
बीते कई दिनों से बीपीएससी परीक्षा को लेकर प्रदर्शन जारी है। इस प्रदर्शन को पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का भी समर्थन हासिल है, वे बच्चों के साथ प्रदर्शन स्थल पर बैठे हुए हैं। इसी बीच आज पप्पू यादव ने बड़ा ऐलान किया है कि अगर आयोग मांगे नहीं मानती है तो वे 1 जनवरी को पूरे बिहार में 'बिहार बंद' आंदोलन करेंगे। बुधवार शाम मीडिया से बात करते हुए पूर्णिया सांसद ने मामले की जांच हाईकोर्ट से कराने की मांग की।
पप्पू यादव ने की मांग
पीटीआई से बात करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा, "हम सभी विपक्षी सांसदों और विधायकों से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह करते हैं। लोगों को पूरे बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों और विधायकों के आवासों के बाहर बैठना चाहिए, इसमें कोई राजनीति नहीं है, ये छात्र इतने दिनों से विरोध जता रहे हैं और उनकी एकमात्र मांग दोबारा परीक्षा है।"
बीते दिन पुलिस ने बरसाई लाठियां
गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने बुधवार शाम को 70वीं सीसीई प्रारंभिक परीक्षा की दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों छात्रों पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जिसमें पेपर लीक भी शामिल है। इसी कारण आंदोलनकारी पूरी परीक्षा को रद्द कराना चाहते हैं।
हालांकि बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने मंगलवार को पूरी परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि पटना के बापू परीक्षा परिसर केंद्र में उपस्थित होने वालों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। मनुभाई ने घोषणा की कि दोबारा परीक्षा 4 जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी।
तेजस्वी ने भी सरकार पर बोला हमला
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लाठीचार्ज की निंदा की और बिहार सरकार पर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, "कुछ महीने पहले तक एनडीए के नेता नीतीश कुमार को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते नहीं थकते थे और कहते थे कि वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। अब वही भाजपा-लोजपा-हम के नेता उनके तानाशाही फैसलों को स्वीकार कर रहे हैं। नीतीश कुमार खुद को जेपी का स्वयंभू शिष्य कहते हैं, लेकिन छात्रों के लोकतांत्रिक विरोध से नफरत करते हैं। सभी स्वार्थी एनडीए नेताओं की यही हालत है।"