राजस्थान में पेपर लीक के मुद्दों पर विपक्ष ने मंत्रियों पर लगाए आरोप, जानें बीजेपी सांसद ने क्या कहा
पेपर लीक होने में सबसे बड़ी भूमिका में होते है नकल माफिया, जो कुछ रुपयों के लिए छात्रों के भविष्य को दांव पर लगा देते हैं।
पेपर लीक केवल एक गुनाह नहीं है। इसका सामाजिक,आर्थिक असर बहुत ज्यादा है। जब एक पेपर लीक होता है तो नौकरी की तैयारी में लगे युवाओं का मनोबल भी टूटता है। जब कहीं परीक्षा का पेपर लीक होता है तो छात्रों की तैयारी के औसत साढ़े 3 साल की मेहनत बेकार हो जाती है। साथ ही तैयारी में लगे हर छात्र का औसत 11 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं। एग्जाम कराने में सरकारी मशीनरी,पर्चा छपाई, आदि के सरकारी संसाधन में लाखों खर्च हुए रुपये पर पानी फिर जाता है। क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, करीब 2500 छात्र असफलता से निराश होकर आत्महत्या कर लेते है।
छात्र हो चुके निराश
हमने कुछ छात्रों से बात की तो पता चला कि वे पेपर लीक की समस्या से काफी निराश हो चुके हैं। छात्र रितेश ने कहा कि अब एग्जाम देते हुए उन्हें डर लगता कि फिर पेपर लीक न हो जाए। छात्र सौरभ कहते है कि पेपर की नियुक्ति तय नहीं कि कब होगी। पेपर कभी भी लीक हो जा रहे हैं। ज्वाइनिंग को लेकर तय नही हैं। हम क्या करें।
राज्यसभा सांसद ने लगाए आरोप
सबसे पहले शुरूआत राजस्थान की करते हैं, जहां पिछले 10 साल में 29 से ज्यादा बार पेपर लीक हो चुका है। वहां के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा जो पेपर लीक मुद्दों को लेकर आंदोलन करने में आगे रहे हैं, से जब बात की तो उन्होंने बताया कि राजस्थान में विभिन्न विभागों की 16 परीक्षा आयोजित कराई गई और 16 के 16 पेपर लीक हो गए और आंदोलन के बाद 10 पेपर रद्द किए गए। हमने एक पेपर में पूरा खुलासा किया उसमें एक अधिकारी सस्पेंड किए गए। उन्होंने आगे कहा कि कई नेता, मंत्री के नाम भी प्रमाण सहित उजागर किए। हमने CBI जांच की मांग की। सरकार ने दंतविहीन कानून बनाए हैं।
शिक्षा मंत्री ने रखी अपनी बात
पेपर लीक मुद्दे को लेकर हमने राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से उनकी बात जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि सीबीआई के जांच से इनकार नहीं है, राज्य में सीबीआई कहती है कि हमारे पास बहुत काम है और एसओजी बेहतर तरीके से काम कर रही है। एसओजी ने पेपर लीक से संबंधित लोगों के पकड़ा है। आयोग को कहा गया कि इस संबंध में जिम्मेवारी तय करें कि कहां से लीक हो रही है, पुलिस भी जांच कर रही है, सरकार काम कर रही है। जल्द रिजल्ट सामने आएंगे।
उत्तराखंड में हुई थी पटवारी परीक्षा लीक
उत्तराखंड में भी पेपर लीक की समस्या बढ़ गई है। साल 2000 में बने उत्तराखंड में तो 2003 में ही पेपर लीक हो गया था। आज 23 साल बाद भी पटवारी परीक्षा लीक हो गई। इस परीक्षा में एक बड़े नकल माफिया हाकम सिंह का नाम उभर कर सामने आ रहा है।
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