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Hindi News एजुकेशन अब 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों को मिलेंगे सैनिटरी पैड व ब्रेक, सरकार ने सभी बोर्डों को दिए ये निर्देश

अब 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों को मिलेंगे सैनिटरी पैड व ब्रेक, सरकार ने सभी बोर्डों को दिए ये निर्देश

सरकार ने आज एक दिशा निर्देश जारी किया है कि बोर्ड एग्जाम के दौरान अब लड़कियों को सैनिटरी पैड व जरूरी ब्रेक दिए जाएंगे।

प्रतिकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतिकात्मक फोटो

अब बोर्ड परीक्षा के दौरान मासिक धर्म की दिक्कतों से लड़कियों को दो-चार नहीं होना पड़ेगा। सरकार ने सभी बोर्डों को एक दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में मासिक धर्म के दौरान लड़कियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, उन्हें उचित सुविधा समय पर उपलब्ध कराई जाए।

मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए निर्देश

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DoSEL) ने बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्कूलों में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया कि परीक्षा के दौरान सैनिटरी प्रोडक्ट और मासिक धर्म से संबंधित हाइजीन मैनेजमेंट की दिक्कत होने के कारण लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए विभाग ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति को एक एडवाइजरी जारी की है, जिससे लड़कियों में परीक्षा को लेकर आत्मविश्वास बनी रहे।

परीक्षा केंद्रों पर फ्री मिलेंगे सैनिटरी पैड

आदेश के अनुसार, अब कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाली छात्राओं को मासिक धर्म संबंधी जरूरतों को पूरा करने, असुविधा को कम करने और परीक्षा के दौरान फोकस बनाए रखने के लिए जरूरी ब्रेक लेने की अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, सभी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर फ्री सैनिटरी पैड की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर लड़कियों को परीक्षा के दौरान जरूरी हाइजीन प्रोडक्ट मिल सके।

किए जाएंगे जागरुकता कार्यक्रम

इसके अलावा, विभाग ने छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच मासिक धर्म से जुड़ी स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी संबंधित स्कूलों में इससे जुड़ी प्रोग्राम को बढ़ावा देने को कहा है। इसका उद्देश्य लोगों में मासिक धर्म को लेकर असहजता को कम करना और स्कूली माहौल को बेहतर बनाने पर जोर देना है।

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