नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने किर्गिस्तान में सभी भारतीय छात्रों को एविसेना इंटरनेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी की मान्यता के खिलाफ चेतावनी दी है। इसकी ऑफिशियल नोटिस एनएमसी की ऑफिशियल वेबसाइट nmc.org.in पर उपलब्ध है। ऑफिशियल नोटिफिकेशन के मुताबिक, NMC ने किर्गिस्तान में एविसेना इंटरनेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी को मान्यता नहीं दी है। NMC ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वे सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर चल रहे फर्जी लेटर के बहकावे में न आएं। बता दें कि लेटर में दावा किया गया है कि एनएमसी ने किर्गिस्तान में एविसेना इंटरनेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी को मान्यता दी है और भारतीय छात्र डॉक्टर बनने के लिए वहां अध्ययन कर सकते हैं।
क्या कहा गया नोटिफिकेशन में ?
ऑफिशियल नोटिफिकेशन में बताया गया कि "यह सभी को सूचित किया जाता है कि 16 सितंबर, 2022 का एक फर्जी लेटर, जिसमें कहा गया है कि" एविसेना इंटरनेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (बिश्केक) को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग यानी NMC द्वारा मान्यता प्राप्त है और भारतीय छात्र यहां डॉक्टर बनने के लिए स्टडी कर सकते हैं।
एनएमसी द्वारा यह चेतावनी आयोग द्वारा भारत स्थित सिंघानिया विश्वविद्यालय के खिलाफ इसी तरह की चेतावनी जारी करने के कुछ महीने बाद आई है। आयोग ने छात्रों को चेतावनी दी थी कि उक्त यूनिवर्सिटी में किए गए सभी एडमिशनों को अवैध माना जाएगा।
'बिना टाइटल और हाई कोर्ट के फैसले का दावा कर रही संस्था'
“एनएमसी ने कहा, "उक्त संस्था ने विभिन्न समाचार पत्रों में पब्लिश अपने विज्ञापन में दावा किया है कि इग्नू के मामले में हाई कोर्ट ने माना है कि इंटियन मेडिकल काउंसिल एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो बीओजी-एमसीआई को अनुमति या मान्यता देने के लिए इग्नू को एमबीबीएस और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने और शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए अधिकृत और अधिकार देता हो। एनएमसी ने आगे कहा कि उक्त संस्था शरारती ढंग से बिना टाइटल और हाई कोर्ट के फैसले का दावा कर रही है।
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