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NMC ने इस राज्य में 27 मेडिकल कॉलेजों पर लगाया जुर्माना, कारण जान आप रह जाएंगे हैरान

NMC ने हाल ही में 27 मेडिकल कॉलेजों पर भारी जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने के कारण संस्थान परेशान हैं। अब AIDSO ने एनएमसी के इस फैसले की आलोचना की है।

NMC- India TV Hindi Image Source : NMC NMC

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने कर्नाटक में 27 मेडिकल कॉलेजों पर भारी जुर्माना लगाया है। एनएमसी ने यह जुर्माना मेडिकल कॉलेजों पर जरूरी तय मानकों को पूरा न करने पर लगाया है। वहीं, AIDSO कर्नाटक के राज्य सचिव अजय कामथ ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा, "मेडिकल कॉलेजों को निर्धारित मानकों को बनाए रखना चाहिए, पर उन पर जुर्माना लगाना बेहद अलोकतांत्रिक है।"

15 लाख तक लगाया जुर्माना

जानकारी के मुताबिक, 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और 11 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर 2 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। कमीशन ने 5 सरकारी मेडिकल कॉलेजों (चिकमंगलुरु इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, चित्रदुर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, चिक्काबल्लापुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, एमआईएमएस मांड्या और वाईआईएमएस यादगीर पर सबसे ज़्यादा 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

इस लिस्ट में अन्य संस्थान भी हैं जिनके नाम है, "केआरआईएमएस कारवार; एमएमसीआरआई मैसूर; जीआईएमएस, गुलबर्गा; एसआईएमएस, शिवमोग्गा, कोडागु इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और सीआईएमएस चामराजनगर (हर एक पर 3 लाख रुपये) और केआईएमएस हुबली (2 लाख रुपये का जुर्माना लगा है)।

AIDSO ने फैसला पर जताई आपत्ति

AIDSO सदस्य ने कहा, "एनएमसी का यह दृष्टिकोण क्वालिटी एजुकेशन के मूल उद्देश्य के खिलाफ है। यदि फैकल्टी की संख्या कम है और बुनियादी ढांचा जरूरी मानकों को पूरा नहीं करता है, तो सभी अधिकारियों का यह काम है कि वे जिम्मेदारी लें और खाली पदों को भरें। विशेष रूप से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्याप्त पैसे उपलब्ध कराएं।"

खराब स्थिति का जिक्र

उन्होंने कहा, "कई रिपोर्टों में राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की खराब स्थिति का जिक्र किया गया है। फिर भी न तो राज्य सरकारों और न ही एनएमसी ने इस संबंध में कोई राय दी और न ही कोई कदम उठाया है! इसके बजाय, राज्य सरकार क्वालिटी सुधारने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के बजाय पैसे कमाने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटा लागू करने की कोशिश कर रही है।" बता दें कि कर्नाटक राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई के लिए 15% कोटा प्रस्तावित किया है। कई लोगों ने इस कदम की निंदा की है और अखिल भारतीय शिक्षा बचाओ समिति (एआईएसईसी) ने इसे "वित्तीय और नैतिक दिवालियापन" बताया है।

सुधार की जिम्मेदारी से भाग रहा कमीशन

उन्होंने कहा, "एनएमसी का दृष्टिकोण दिखाता है कि वह देश में मेडिकल एजुकेशन में सुधार की जिम्मेदारी लेने से हाथ धो रहा है। AIDSO कर्नाटक एनएमसी के इस दृष्टिकोण की निंदा करता है और राज्य सरकार से मेडिकल एजुकेशन के लिए तुरंत पर्याप्त धनराशि देने की मांग करता है। किसी संस्थान को उसकी गलती के लिए नहीं बल्कि शासन करने वालों की यह नीति कभी भी आदर्श नहीं बननी चाहिए क्योंकि इससे शिक्षा का मूल सार खत्म कर देता है।"

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