नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश भर के स्कूलों, कॉलेजों, आईआईटी, एनआईटी और विश्वविद्यालयों से गणतंत्र दिवस परेड 2021 देखने के लिए बुलाए गए लगभग 100 मेधावी छात्रों को केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस देकर सम्मानित किया। यह सभी छात्र प्रधानमंत्री के अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए थे जिनके रहने, भोजन एवं आने-जाने की व्यवस्था शिक्षा मंत्रालय ने की।
शिक्षा मंत्री ने सभी छात्रों से बात की एवं उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "गणतंत्र दिवस आप सभी युवाओं को अपने संविधान पर गर्व करने और देशभक्ति की भावना महसूस करने का दिन है। मुझे यकीन है कि राजपथ पर देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक कौशल का गवाह बनने के बाद आपके भीतर इन भावनाओं को एक नया बल मिला होगा।
भारत पूरे विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे इस लोकतंत्र की ताकत है समावेशी संविधान। यह समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करता है। लोकतंत्र की नैतिकता और जीवंतता को केवल तभी सुरक्षित और जीवंत रखा जा सकता है जब राष्ट्र का युवा लोकतंत्र के सिद्धांतों और राष्ट्र की समृद्धि के लिए कार्य करे।"
उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के पास बहुत सारे संसाधन हो सकते हैं, परंतु किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा शक्ति होती है। डॉ. निशंक ने कहा, "मैं युवाओं को दैवीय शक्ति के समकक्ष मानता हूं। मेरी नजर में युवा केवल उम्र का एक पड़ाव या कोई वार्षिक चरण नहीं हैं, बल्कि यह एक मानसिक स्थिति हैं।"
इसके अलावा उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा को अनवरत जारी रखने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में भी छात्रों को विस्तार से बताया और उनसे कहा कि अब समय आ गया है कि आप रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म करें। शिक्षा मंत्रालय सदैव आपके साथ खड़ा रहा है।
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