नीट-यूजी विवाद में सरकार ने दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, पेपरलीक को लेकर कही ये बड़ी बातें
नीट-यूजी विवाद में सरकार ने अपना हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि पेपर रद्द करना उन सभी छात्रों के साथ अन्याय, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी है।
दिल्ली: नीट-यूजी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है। सरकार ने आगे हलफनामे में कहा कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतें आई हैं। सीबीआई इन मामलों में अभी जांच कर रही है। साथ ही यह भी कहा गया कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही कदम उठाए गए हैं। लेकिन परीक्षा रद्द करना उचित नहीं है। यह होनहार छात्रों के साथ धोखा होगा। बता दें कि सरकार की ओर से शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।
डीएसएसबी में फैसला का हवाला दिया
आगे हलफनामे में कहा सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2021 के सचिन कुमार विरूद्ध डीएसएसबी में जारी फैसले का हवाला दिया। सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक हाई लेवल कमेटी एनटीए को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने के सुझाव देने के संबंध गठित की गई है। इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व इसरो चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन कर रहे हैं, जो दो माह में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए जांच लगातार जारी है।
सीबीआई ने दर्ज की है एफआईआर
मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी है और सीबीआई मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतें आईं है। सीबीआई ने पिछले महीने की 23 तारीख को IPC की धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और पीसी एक्ट की धारा-13(2), 13(1) में FIR दर्ज की है। अपने हलफनामा में सरकार ने कहा है कि सीबीआई इस मामले की जांच में जुटी हुई है, पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने का काम भी जांच जारी है। इसका जल्द ही पर्दाफाश होगा, हर एक पहलू पर गौर किया जा रहा है और हर एक तथ्य को खंगाला जा रहा है। सरकार ने आगे कहा है कि पेपर लीक की सूचना मिलते ही कदम उठाए गए हैं, लेकिन परीक्षा रद्द करना उचित नहीं है। यह होनहार छात्रों के साथ धोखा होगा।
क्या हुआ था?
जानकारी दे दें कि नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में पहली बार करीबन 25 लाख छात्र शामिल हुए थे। वहीं, 4 जून को इसका रिजल्ट जारी किया गया, रिजल्ट घोषित होते ही नीट यूजी पर सवाल उठने लगे। कारण था कि इस परीक्षा में एक साथ 67 छात्र टॉप कर गए। सभी छात्रों को 720 में से 720 नंबर मिले। ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने पूरे 100 फीसदी नंबर प्राप्त किए हों। इसके बाद यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सरकार व एनटीए को नोटिस जारी किए थे साथ ही सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की था। बता दें कि पूरे मामले में अब तक अलग-अलग 24 याचिकाएं सूचीबद्ध हो चुकी हैं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 3 सदस्यीय बेंच 8 जुलाई को नीट यूजी के इस विवाद वाले मामले की सुनवाई करेगी।