आज सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी विवाद मामले को लेकर सुनवाई की जा रही है। नीट मामले में CJI की बेंच के सामने यह 5वीं सुनवाई है। इस मामले में सुनवाई के दौरान आज CJI ने एक अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना री-एग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं।
ठोस सबूत के बिना री-एग्जाम का फैसला नहीं
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना री-एग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं, हो सकता है कि CBI की जांच के बाद पूरी पिक्चर ही अलग हो जाए, पर आज हम किसी सूरत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है। बता दें कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने हो रही है। वहीं, याचिककर्ताओं की ओर से एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े, मैथ्यूज नेदुम्पारा बहस कर रहे हैं, जबकि NTA की ओर से सोलिस्टर जनरल तुषार मेहता हैं।
सीबीआई ने कोर्ट को बताई ये बात
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 5 मई को परीक्षा के दिन NEET UG का पेपर लीक हो गया था। पेपर हजारीबाग में लीक हुआ था और पटना भेजा गया था। सीबीआई ने आगे कहा, "आरोपी ने 5 मई को सुबह 8.02 बजे प्रवेश करने के लिए कंट्रोल रूम के पिछले दरवाजे का इस्तेमाल किया, जहां प्रश्नपत्र बंद थे। केंद्र अधीक्षक ने जानबूझकर पिछला दरवाजा खुला रखा था। वह सुबह 9.23 बजे कंट्रोल रूम से बाहर आया। उसने तुरंत इसे समस्या हल करने वालों को भेज दिया। अब तक की जांच में चार जगहों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जहां प्रश्नपत्र रिले किए गए थे-दो पटना में और दो हजारीबाग में।"
इससे पहले CJI ने कहा कि NTA द्वारा जारी किया गया आंसर-की सही है। एक्सपर्ट टीम से हमने जांच कराई। उन्होंने बताया कि ऑप्शन 4 सही है व 2 गलत है, क्योंकि रेडियो एक्टिव एटम स्टेबल नहीं होते है।
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