NEET पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, सॉल्वर 7 से 10 लाख रुपये में कराते थे पेपर सॉल्व; जानें कैसे काम करता था गिरोह
NEET पेपर लीक मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार हैं, इनमें से 2 एमबीबीएस के छात्र हैं। छात्रों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि कैसे उन्हें सॉल्वर ने अपनी बातों में फंसाया।
नीट पेपर लीक मामले में पुलिस के हाथ सॉल्वर गैंग लग गए हैं। दिल्ली पुलिस ने मामले पर कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, इसमें 2 एमबीबीएस छात्र भी शामिल हैं। बता दें कि 5 मई को नीट परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई थी, फिऱ भी सॉल्वर गैंग ने इस परीक्षा में सेंधमारी कर डाली। बता दें कि 18 मई को नई दिल्ली डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि नीट एग्जाम के पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नई दिल्ली की स्पेशल टीम ने पेपर सॉल्व करने वाले रैकेट में शामिल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
छात्रों ने बताई पूरी बात
TOI की खबर के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 2 एमबीबीएस छात्रों के साथ-साथ वो लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने इस साजिश में उनकी मदद की। साथ ही कार्रवाई के दौरान 4 मोबाइल फोन और 1 कार जब्त की गई थी। अब मामले में दोनों एमबीबीएस छात्रों ने पुलिस को पूरी जानकारी दी है कि ये गैंग कैसे काम करती थी। छात्रों का नाम सुमीत मांडोलिया (19) और कृष्ण केशरवानी (22) है। एक पश्चिम बंगाल तो दूसरा उत्तराखंड से एमबीबीएस कर रहा है। हाल ही में दोनों नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे। हालाँकि, वे दोनों पिछले हफ्ते भारतीय विद्या भवन पहुँचने तक अजनबी ही थे जहां NEET परीक्षा आयोजित की जा रही थी।
ऐसे आए पकड़ में?
पुलिस सूत्रों की मानें तो मोटी कमाई करने की चाहत में, उन्हें परीक्षा में प्रॉक्सी उम्मीदवार के रूप में शामिल होना था, लेकिन सेंटर में बायोमेट्रिक में उनकी पहचान मेल नहीं हुई, इसके बाद पुलिस ने दोनों के अलावा उनके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मंडोलिया राजस्थान के उस गिरोह के संपर्क में आया जो अच्छे नंबरों के साथ नीट पास करने वाले "मेधावी छात्रों" की तलाश में था। एमबीबीएस छात्र सुमित मंडोलिया के पिता एक किसान,जो राजस्थान के एक गाँव में अपने तीन लोगों के परिवार के साथ रहने वाले हैं।
वित्तीय पुरस्कार देने के नाम पर शुरू हुई थी बात
पुलिस सूत्र ने बताया कि सुमित ने 650 से अधिक नंबरों के साथ NEET पास किया था और बंगाल के एक सरकारी कॉलेज में सीट हासिल की थी। छात्र मंडोलिया को किशोर लाल नाम के व्यक्ति ने अपने साथ जोड़ा था, जो राजस्थान में एक काउंसलिंग एजेंसी चलाता है। पुलिस ने कहा, “मंडोलिया अपने चचेरे भाई, जो एमबीबीएस का छात्र है, के माध्यम से लाल के संपर्क में आया था।” उसने मंडोलिया को वित्तीय पुरस्कार देने के बहाने उसके साथ जुड़ना शुरू कर दिया। हालाकिं मामले में लाल को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
एहसान के चक्कर में आया था कृष्ण केसरवानी
वहीं, कृष्ण केसरवानी प्रयागराज के रहने वाला हैं। उसने 2023 में 83% नंबर के साथ NEET पास किया और उत्तराखंड के एक कॉलेज में एडमिशन लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके पिता को कुछ महीने पहले फाइनेंस में 20-25 लाख रुपये का बड़ा नुकसान हुआ था। लगभग इसी समय, केसरवानी की मुलाकात एक खुली मेस में सलमान से हुई, जहाँ वह अक्सर खाना खाने जाता था। उसने दोस्ती हुई और फिर सलमान को अपने परिवार की फाइनेंशियल हालत के बारे में बताया। सलमान ने पैसे से मदद करने की पेशकश की, लेकिन बदले में केसरवानी को मूल उम्मीदवार के बदले परीक्षा में शामिल होना पड़ा। फिलहाल सलमान फरार है।
7-10 लाख रुपये देने का वादा
दोनों को किसी और के लिए नीट पास कराने पर 7-10 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। उन्हें ट्रेन के टिकट दिए गए और दिल्ली के एक होटल में ठहराया गया। पुलिस ने कहा कि केसरवानी को अग्रिम राशि के रूप में 1.5 लाख रुपये दिए गए थे, लेकिन मंडोलिया को कोई पैसा नहीं मिला था। सूत्र ने बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि इसमें दो गिरोह काम कर रहे थे। एक राजस्थान का गिरोह था और दूसरा गिरोह बिजनौर का। राजस्थान स्थित गिरोह ने सुमित को भेजा था, जबकि बिजनौर स्थित गिरोह की संलिप्तता की भी जांच चल रही है। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान स्थित गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ लिया गया है, लेकिन बिजनौर मॉड्यूल में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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