राजस्थान की इन 3 यूनिवर्सिटीज से नहीं कर पाएंगे ये अहम कोर्स, UGC ने लगा दी रोक
राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों को UGC ने बड़ा झटका देते हुए उन्हें PHD में नामांकन करने से रोक दिया है। इसके पीछे UGC के अधिकारी ने इसका कारण भी बताया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राजस्थान के 3 विश्वविद्यालयों को अगले 5 सालों तक PHD प्रोग्राम में नामांकन करने से रोक दिया है। इसका मतलब अब कोई भी अगले 5 सालों तक इन तीन विश्वविद्यालयों से PHD नहीं कर सकता है। इन तीन विश्वविद्यालयों का नाम ओपीजेएस विश्वविद्यालय, सनराइज विश्वविद्यालय और सिंघानिया विश्वविद्यालय है। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि UGC ने पाया कि ये सभी यूनिवर्सिटी PHD के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
नियमों का नहीं हो रहा था पालन
UGC की तरफ से दी गई आधिकारिक सूचना के मुताबिक आयोग ने एक स्थायी समिति का गठन किया था। वो आयोग यह देखेगी कि विश्वविद्यालय सभी नियमों का पालन कर रहे हैं या फिर नहीं। इसके अलावा वो UGC नियमों के मुताबिक PHD की डिग्री दे रहे हैं या फिर नहीं। विश्वविद्यालय द्वारा दी गई जानकारी, डेटा का विश्लेषण, जांच और मूल्यांकन करने के बाद आयोग ने नोटिस किया की ये तीन विश्वविद्यालय यूजीसी पीएचडी नियमों के प्रावधानों और पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए शैक्षणिक मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं।
जवाब संतोषजनक नहीं थे- आयोग
आयोग ने इन विश्वविद्यालयों से इसके पीछे का कारण बताने का भी मौका दिया था। उनसे पूछा गया था कि वो पीएचडी विनियमों के प्रावधानों का पालन करने में विफल क्यों रहे हैं। इसके बाद इन तीनों विश्वविद्यालयों की तरफ से जो जवाब मिले उसे आयोग ने संतोषजनक नहीं पाया। इसके बाद आयोग ने यह फैसला लिया है और अगले 5 सालों तक PHD छात्रों को नामांकित करने से रोक दिया।
आधिकारिक नोटिस में क्या कुछ कहा गया?
स्थायी समिति द्वारा दी गई सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, तीन विश्वविद्यालयों को अगले पांच वर्षों के लिए यानी शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक पीएचडी कार्यक्रम के तहत उन्हें स्कोलर्स को नामांकित करने से रोकने का निर्णय लिया गया है। इन विश्वविद्यालयों को इस निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है और उन्हें पीएचडी छात्रों को नामांकित करना तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है।
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