Cover Letter: किसी भी जॉब के लिए अप्लाई करते समय रिज्यूमे भेजा जाता है। जिसके साथ एक कवर लेटर भी मांगा जाता है। लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि ये कवर लेटर आखिर क्या बला है। अगर आप भी उन लोगों में से है जिन्हे कवर लेटर के बारे में जानकारी नहीं है तो आज हम आपको बताने जा रहे है कवर लेटर के बारे में, और ये रिज्यूमे के साथ अटैच करना इतना जरूरी क्यों होता है।
ऐसा माना जाता है कि आजकल रिज्यूमे के साथ अगर आप कवर लेटर भी भेजेंगे तो, आपको इंटरव्यू के लिए कॉल आने के चांसेस बढ़ जाते हैं। बता दें, कवर लेटर किसी भी फिल्म के ट्रेलर की तरह होता है. जैसे ऑडियंस को फिल्म का ट्रेलर पसंद आने पर ही उसे देखने जाते हैं, ठीक वैसे ही ही कोई कंपनी रिज्यूमे के साथ कवर लेटर देखकर आपको इंटरव्यू के लिए कॉल करती है। इसलिए रिज्यूमे के साथ ही अपने कवर लेटर पर भी शानदार काम करना बेहद जरूरी हो गया है।
क्या होता है कवर लेटर
कवर लेटर एक तरह का इंटरप्रिटेशन लेटर या प्रावरण पत्र होता है। एक ऐसा लेटर, जो दुसरे डॉक्युमेंट के साथ ज़्यादातर जानकारी प्रदान करने के लिए भेजा जाता है। रिज्यूमे में हम अपनी क्वालिफिकेशन, एक्सपीरयंस, कौशल जैसी चीज़ें को लिखते हैं, लेकिन इसके ज़रिये हम एम्प्लायर को इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते हैं कि हम इस जॉब को क्यों करना चाहते हैं और वो हमे क्यों अपनी कंपनी में नौकरी दें। लेकिन इन सब बातों की जानकारी हम कवर लेटर के जरिए एम्प्लायर को दे सकते हैं।
कवर लेटर कैसे बनाएं
1. कवर लेटर महज़ 1 पेज का होना चाहिए।
2. कवर लेटर हमेशा अपने खुद के शब्दों में लिखें। उसे किसी और से न लिखवाएं।
3. कवर लेटर बनाते समय किसी भी चीज़ को कॉपी पेस्ट न करें।
4. कवर लेटर बनाते समय हमेशा एक सही फॉर्मेट को चुने।
5. कवर लेटर लिखते समय अपनी स्पेलिंग और व्याकरण का अच्छी तरह से ध्यान रखें।
6. आप जिस नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं, सिर्फ उसी से जुड़ा एक्सपीरयंस और कार्य कौशल के बारे में बताएं।
7. कवर लेटर में अपने बारे में कम शब्दों में ज्यादा चीज़ें बताने की कोशिश करें। कुछ भी बढ़ा-चढ़ा कर न लिखें।
8. Cover Letter का स्ट्रक्चर अर्थपूर्ण और आपकी खूबियों को दर्शाने वाला बनाएं।
9. आप जिस नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं, कवर लेटर लिखने से पहले उससे जुड़े कंटेंट की एक लिस्ट भी बना लें।
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