नई दिल्ली: विश्वविद्यालयों के विभागों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्यता को दो साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। पीएचडी उपाधि की अनिवार्य अर्हता की तारीख को 1 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 1 जुलाई 2023 कर दिया गया है।
इसका मतलब है कि इस दौरान होने वाली सहायक प्रोफेसर्स की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की अनिवार्य नहीं होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
UGC ने ट्वीट किया, "विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हता तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रख-रखाव हेतु अन्य उपाय संबंधी) संशोधन विनियम, 2021 के तहत विश्वविद्यालयों के विभागों में सहायक आचार्य के पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी उपाधि की अनिवार्य अर्हता की तिथि 01.07.2021 से बढ़ा कर 01.07.2023 कर दी गयी है।"
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