विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने MPhil के दो कोर्सेज की वैलिडिटी को बढ़ा दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने क्लिनिकल साइकोलॉजी में एमफिल और मनोरोग सामाजिक कार्य में एमफिल की वैधता बढ़ा दी है। इस संबंध में एक आधिकारिक नोटिस को जारी किया गया है। जारी किए गए नोटिस के मुताबिक अब इच्छुक छात्र एमफिल के उक्त कोर्सेज में 2025-26 शैक्षणिक वर्ष तक एडमिशन ले सकते हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला
नोटिस में दिए गए विवरण के मुताबिक अब, पिछले नियमों में आंशिक छूट देते हुए, "मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में नैदानिक मनोवैज्ञानिकों और मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए," इन दो कार्यक्रमों में एमफिल की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
नोटिस- https://www.ugc.gov.in/pdfnews/3307057_Mphil-Programme.pdf
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में, यूजीसी ने छात्रों को चेतावनी दी थी कि एमफिल एक मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है, लेकिन कुछ विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं। जानकारी दे दें कि यूजीसी के पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया विनियम 2022 ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुसार एमफिल कार्यक्रम को बंद कर दिया गया था।
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