National Youth Day 2021: 12 जनवरी को पूरे देश में हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का सम्मान करने के लिए ये दिन मनाया जाता है। इस दिन को स्वामी विवेकानंद जयंती के रूप में भी जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे और वे एक आध्यात्मिक नेता थे।
देश के महानतम सामाजिक नेताओं में से एक के रूप में मनाए जाने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था। 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने प्रसिद्ध भाषण के लिए प्रसिद्ध विवेकानंद ने युवाओं की ऊर्जा को प्रसारित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
आज युवाओं के पास समाज में बदलाव लाने के अनंत अवसर है। डिजिटल दौर में इन अवसर का प्रयोग कर बदलाव लाना बहुत आसान है। युवा अवसरों को पहचानें। फिर शिद्दत से उस अवसर को खुद समाज की भलाई के लिए समर्पित कर दें।
यूथ किसी भी देश का सबसे महत्वपूर्ण सेगमेंट है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे युवा देश के विकास में मदद कर सकते हैं:
- युवाओं में लगभग 34 प्रतिशत भारतीय आबादी शामिल है और वे देश को बदलने की शक्ति रखते हैं। युवाओं को खुद को पूरी तरह से अभिव्यक्त करें यह आगे चल कर देश के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित कर सकता है
- युवाओं को ऐसे पाठ्यक्रम और अवसरों मे भागीदारी लेनी चाहिए, जो उन्हें शासन और राजनीति को बेहतर ढंग से समझाने में मदद कर सकें। शासन में रुचि रखने से राजनीति में नए चेहरे और नाम सामने आएंगे जो अपने विचारों के माध्यम से सरकार के दृष्टिकोण को बदल सकते हैं।
- जातिवाद से लेकर पितृसत्ता तक, भारत के युवाओं की देश के हर दबाव वाले मुद्दे पर अपनी राय रखता है। युवाओं को हर उस मौके पर पूरी तरह से अपने विचार व्यक्त करना चाहिए जिससे लोग जागरुक हो, ऐसा करके युवा देश के विकास को बढ़ा सकते हैं।
- सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरों तक पहुंचें
एक ही समय में लाखों लोगों तक पहुंचना विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में वृद्धि के साथ संभव हो गया है। इस प्रकार, यहां तक कि एक छोटा हैशटैग भी ट्विटर पर वायरल हो सकता है और जनता में जागरूकता पैदा कर सकता है। अपने आउटरीच को बढ़ाने का एक और बढ़िया विकल्प है, ऑनलाइन प्रकाशनों पर अपने विचार व्यक्त करना और स्थानीय समाचार पत्र जैसे समाचार पोर्टलों के लिए लिखना। - युवाओं को सरकार द्रारा बनाई गई नीतियों का सीधे लाभ उठाएं और उनसे सीख सकें।
स्वामी विवेकानंद जी की भी यही सोच थी की वह विश्व को उत्थान की ओर ले जाना चाहते है समाज में आज के समय युवाओं को समाज के प्रति सोच को बदलना होगा तभी युवा देश को प्रगति की और ले जा सकेगा .
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