National Mathematics Day 2023: नेशनल मैथेमेटिक्स डे पर जानें कौन थे महान गणितज्ञ श्रीनिवास, जिनको पूजती है दुनिया
आज देश भर में नेशनल मैथेमेटिक्स डे मनाया जा रहा है। इस दिन महान गणितज्ञ श्रीनिवास का जन्म हुआ था। आइए जानते हैं उनके महान कार्यों के बारे में...
हर साल 22 दिसंबर को देश में नेशनल मैथेमेटिक्स डे के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि आज महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती है। गणित हमारे जीवन का हिस्सा है और इस दिन को मनाना इसे और भी खास बनाता है। इस दिन का जश्न साल 2012 में शुरू हुआ जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गणित के क्षेत्र में रामानुजन के जीवन और उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया।
National Mathematics Day 2023: जन्म व उनके रचे गए कीर्तमान
आज ही के दिन 22 दिसंबर 1887 को महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म तमिलनाडु के इरोड में एक ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें गणित में रुचि थी जिसके कारण उन्होंने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली। वह कुंभकोणम के सरकारी कला महाविद्यालय में छात्रवृत्ति के लिए भी पात्र थे। फिर श्रीनिवास रामानुजन ने साल 1912 में मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया। वहां, उनकी गणित प्रतिभा को उनके कुछ सहयोगियों ने पहचाना और उनमें से एक ने उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज के प्रोफेसर जीएच हार्डी के पास भेजा। इसके बाद साल 1913 में उनकी मुलाकात हार्डी से हुई, जिसके बाद वे ट्रिनिटी कॉलेज चले गये।
बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री ली
साल 1916 में रामानुजन ने बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने हार्डी की मदद से अपने विषय पर कई पेपर पब्लिश किए। साल 1917 में रामानुजन लंदन मैथमेटिकल सोसायटी के लिए चुने गए। इसके बाद साल 1918 महान गणितज्ञ को एलिप्टिक फ़ंक्शंस और संख्याओं के सिद्धांत पर उनके शोध के लिए प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी के लिए चुना गया था। वह ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय भी थे। इसके बाद साल 1919 रामानुजन स्वदेश भारत लौट आए और साल 26 अप्रैल 1920 को खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली। जानकारी दे दें कि मृत्यु के वक्त उनकी आयु महज़ 32 साल थी।
कभी नहीं की थी कोचिंग
श्रीनिवास रामानुजन को कभी भी शुद्ध गणित में कोई कोचिंग नहीं की थी, लेकिन उन्होंने गणित के क्षेत्र में प्रभावशाली योगदान दिया। उनके कार्य के क्षेत्रों में इनफाइनाइट सीरीज, कंटिन्यू फंक्शन, नंबर थ्योरी और मैथमेटिकल एनालिसिस शामिल हैं। उन्होंने हाइपरजियोमेट्रिक सीरीज़, रीमैन सीरीज, एलिफैटिक इंटीग्रल, डाइवर्जेंट सीरीज की थ्योरी और ज़ेटा फ़ंक्शन के फंक्शनल इक्वैशन जैसे उल्लेखनीय योगदान भी दिए। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने खुद की थ्योरम्स की खोज की और खुद ही से स्वतंत्र रूप से 3,900 रिजल्ट संकलित किये।
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