भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही नदियों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे देश को नदियों का देश भी कहा जाता है। यहां गंगा, यमुना, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, कावेरी आदि जैसी पवित्र नदियां बहती हैं। आप लोग इस बात को तो जानते ही होंगे कि हमारे देश भारत में ज्यादातर सभी नदियों का बहाव एक ही दिशा में है यानी कि पश्चिम से पूर्व की तरफ। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसी नदी भी है जो बाकी सब नदियों के बहाव के विपरीत बहती है? क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसी कौन सी नदी है जो उल्टी बहती है? अगर नहीं तो अपने दिमाग पर बहुत ज्यादा जोर डालने की आवश्यक्ता नहीं है, आज हम आपको इस खबर के जरिए इसी अजब-गजब बात की पूरी जानकारी देंगे।
कौन सी है नदी? क्या है कारण?
चाहे गंगा नदी हो या यमुना नदी हो, भारत में ज्यादातर नदी पूर्व से पश्चिम दिशा की तरफ बहती हैं। लेकिन इसके परेय एक नदी ऐसी भी है जो बाकी सब नदियों के विपरीत यानी पूर्व से पश्चिम दिशा की तरफ बहती है। इस इकलौती नदी का नाम नर्मदा है। जहां गंगा, यमुना जैसी ज्यादातर नदियां पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, वहीं नर्मदा अपनी धारा के विपरीत पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई अरब सागर में जा कर गिरती है।
नर्मदा के उल्टा बहना का कारण रिफ्ट वैली को बताया जाता है। रिफ्ट वैली का अर्थ होता है कि नदी का बहाव जिस दिशा में हो, उसका ढलान उसके विपरीत दिशा में हो। इसीलिए नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है। यह नदी मैखल पर्वत के अमरकंटक के शिखर से निकलती है। नर्मदा भारत के दो बड़े राज्यों गुजरात और मध्य प्रदेश की मुख्य नदी है।
पौराणिक कहानी भी है मशहूर
नर्मदा नदी के अपने धारा के विपरीत बहने के पीछे एक पौराणिक कहानी भी बहुत फैमस है। पौराणिक कहानी के मुताबिक नर्मदा नदी का विवाह सोनभद्र से तय हुआ था, लेकिन नर्मदा की सहेली जोहिला की वजह से दोनों के बीच दूरियां आ गईं। जिस कारण नर्मदा ने क्रोधित हो कर आजीवन(पूरा जीवन) कुंवारी रहने और धारा के विपरीत बहने का निर्णय लिया।
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