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MBBS एडमिशन काउंसलिंग में हुई गड़बड़ी, OBC छात्र को दे दी EWS कैटेगरी की सीट

NEET PG काउंसलिंग में एक गड़बड़ी हो गई है। जिसके चलते एक स्टूडेंट दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। स्टूडेंट अब एडमिशन के लिए दर-दर भटक रहा है। बता दें कि मेडिकल एडमिशन की काउंसलिंग में एक OBC छात्र को EWS कोटे की सीट अलॉट कर दी गई।

छत्तीसगढ़ NEET PG काउंसलिंग में हुई गड़बड़ी- India TV Hindi Image Source : FREEPIK छत्तीसगढ़ NEET PG काउंसलिंग में हुई गड़बड़ी

एक बार फिर NEET PG MBBS एडमिशन काउंसलिंग विवादों में घिर गई है। मेडिकल एडमिशन की काउंसलिंग में एक OBC छात्र को EWS कोटे की सीट अलॉट कर दी गई। मामला छत्‍तीसगढ़ का है। जब एक स्टूडेंट कॉलेज एडमिशन लेने पहुंचा तब स्क्रूटनी कमेटी ने उसे अयोग्य ठहरा दिया। स्टूडेंट अब एडमिशन के लिए दर-दर भटक रहा है। इसके साथ ही अब स्टूडेंट को पूरे साल के लिए काउंसलिंग में भाग नहीं ले सकेगा क्योंकि उसे अपात्र घोषित कर दिया गया है।

गलती से बना दिया टॉपर

सिस्टम की खामियों की सजा स्टूडेंट को भुगतनी पड़ रही है। ध्यान दें कि पीजी काउंसलिंग में ये विवाद तब सामने आया जब छात्र कॉलेज एडमिशन लेने पहुंचा और स्क्रूटनी कमेटी ने उसे अयोग्य ठहरा दिया। खबरों के मुताबिक, दरअसल काउंसलिंग कमेटी ने एक छात्र नीतीश को ज्यादा बोनस नंबर देकर टॉपर बना दिया था। इसमें भी अधिकारियों का दावा था कि गलती NEET की तरफ से हुई है। इसके बाद छात्र ने दावा किया था कि गलती सॉफ्टवेयर की थी। छात्र गलती से टॉपर जरूर बना लेकिन उसने न ही डॉक्‍यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कराया और न ही कहीं एडमिशन लिया। बता दें कि छात्र को रेडियो डाइग्नोसिस जैसे महत्वपूर्ण सब्‍जेक्‍ट में एडमिशन मिला था।

पिछले साल सीट अपग्रेडेशन पर हुआ था विवाद

बता दें कि पिछले साल BDS अलॉटमेंट में एक स्टूडेंट का अपग्रेडेशन नहीं किया गया। इसके खिलाफ छात्र हाईकोर्ट गया था जहां कोर्ट ने छात्र को एक सीट बढ़ाकर एडमिशन देने का आदेश दिया था। इसके बाद नेशनल मेडिकल से एडमिशन की अनुमति मिलने के बाद छात्र को एक प्राइवेट कॉलेज में दाखिला दिया गया। वहां 150 के बजाय 151 एडमिशन हुए। इसी के चलते इस साल उस कॉलेज में 149 सीटों पर ही एडमिशन हो रहा है।

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