पीएम मोदी द्वारा लॉन्च की गई योजना 'मिशन लाइफ' अब स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी। जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने के लिए अब स्कूलों में भी बच्चों को सिखाया जाएगा कि वह कैसे पर्यावरण के अनुकूल अपनी जीवनशैली बनाएं। मिशन लाइफ को लाइफ स्टाइल फार एनवायरमेंट के तौर पर भी जाना जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्देश पर स्कूली शिक्षा विभाग पीएम मोदी के मिशन लाइफ योजना को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए स्कूली पाठ्यक्रम के लिए तैयार कर रहा है। अब इस योजना को देश के सभी स्कूलों में अलग-अलग स्तर पर शामिल कराया जाएगा।
क्या है मिशन लाइफ?
लाइफस्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट (LIFE) यानि मिशन लाइफ अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में ग्लासगो में COP26 में लॉन्च किया गया था। COP26 शिखर सम्मलेन जलवायु परिवर्तन को लेकर हुआ था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लाइफ को लॉन्च किया था। इसमें लाइफ का मतलब लाइफस्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट है। इस मिशन के मकसद की बात करें तो इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर माइक्रो उपायों और कार्यों को लागू करके जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
क्या है मिशन लाइफ का उद्देश्य?
मिशन लाइफ का उद्देश्य स्थिरता के प्रति हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति का पालन करना है। इसमें सबसे पहले व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन में सरल लेकिन प्रभावी पर्यावरण के अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है। दूसरा, उद्योगों और बाजारों को बदलती मांग (आपूर्ति) के लिए तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाना और तीसरा दीर्घकालीन खपत और उत्पादन दोनों का समर्थन करने के लिए सरकार और औद्योगिक नीति को प्रभावित करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने ग्लास्गो में मिशन लाइफ की शुरुआत करते हुए कहा था, ''इस अभियान के पीछे का विचार यह है कि हम ऐसी जीवनशैली अपनाएं जो हमारी धरती के अनुकूल हो। मिशन लाइफ अतीत से सीखता है, वर्तमान में संचालित होता है और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है।''
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