MBBS Course: विदेश में करना चाहते मेडिकल की पढ़ाई? इस देश में MBBS कोर्स के लिए नहीं देनी पड़ती कोई भी फीस
MBBS Course: हमारे देश में मेडिकल एजुकेशन काफी मंहगा है, जो आम आदमी अफोर्ड नहीं कर सकता है। ऐसे में बहुत से छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना टूट जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे थे जहां एमबीबीएस की पढ़ाई फ्री है।
हमारे देश में हर माता-पिता अपने बच्चे को डॉक्टर बनाने का सपना देखते हैं। इसका कई कारण हैं, एक तो वो अपने बच्चे को चाहते हैं कि गरीबी की दलदल से बाहर निकल जाएंगे क्योंकि डॉक्टरी पेशे में काफी पैसे हैं। आपको तो पता ही होगा कि प्राइवेट हॉस्पिटल के चार्ज से लेकर मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाईयां कितनी ज्यादा मंहगी होती है। पर हमारे देश में डॉक्टर बनना इतना आसान नहीं है। पहले तो इसके एंट्रेंस टेस्ट इतने कठिन होते हैं कि आधे से ज्यादा बच्चे यहीं बाहर हो जाते हैं। इसके बाद आता है कॉलेज में मिलने वाली सीटें। अगर बच्चे को सरकार मेडिकल कॉलेज मिला तो थोड़ी राहत होती है, लेकिन अगर निजी कॉलेज मिलता है तो बच्चे के साथ उनके माता-पिता का सपना फीस सुनकर ही चकना-चूर हो जाता है।
इस देश में नहीं देनी होगी फीस
बता दें कि प्राइवेट कॉलेज की फीस लाखों में होते हैं, जो आम आदमी के बजट में से बाहर होता है। पर मेहनत करने से सब हासिल होता है। अगर आपमें मेहनत करने का जज्बा है तो सब मुमिकन होता है। यहां हम आपको ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जो महंगी फीस वाले मेडिकल कॉलेज का मुंह चिढ़ाएगी। आपको बता दें कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां आप MBBS की पढ़ाई फ्री यानी मुफ्त कर सकते हैं। हैरान मत होइए हम आपको यहां इससे जुड़ी सारी जानकारी देंगे। बता दें कि ये देश कोई और नहीं जर्मनी है। जर्मनी की सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई फ्री यानी मुफ्त में होती है। यहां एडमिशन लेने के लिए भी भारतीय छात्र को NEET एग्जाम पास करना जरूरी है, इसका फायदा एडमिशन के समय इन्हें मिलता है। जर्मनी में इस कोर्स में पढ़ना भारतीय छात्रों के लिए भारत की तुलना में कोई ट्यूशन फीस नहीं है और जर्मनी में रहने की लागत अफोर्डेबल है।
एडमिशन के क्या है क्राइटेरिया
इसके अतिरिक्त इस देश में जो क्राइटेरिया मांगा जाता है, वो है कि छात्रों ने इंटरमीडिएट तक बायोलॉजी,फिजिक्स और केमिस्ट्री विषय पढ़ा हो। साथ ही जिस साल में MBBS में एडमिशन करवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, उस साल दिसंबर तक छात्र की उम्र 17 वर्ष पूरी हो गई हो। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी की MBBS वहां की फर्स्ट ऐड स्किल है। बता दें कि इस देश की एमबीबीएस डिग्री की दुनियाभर में मान्यता और वैल्यू है। जर्मनी से इस कोर्स की इंटरनेशनल रेपुटेशन है, जो इसे हर छात्र के लिए बेहतरीन बनाती है। यहां पर MBBS की डिग्री ज्यादातर मामलों में 6 साल में पूरी होती है, इसलिए यहां इस कोर्स की ड्यूरेशन 6 साल की होती है। इस देश में भी एमबीबीएस की पढ़ाई में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पढ़ाए व सिखाए जाते हैं।
मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया से मिल चुकी है मान्यता
जर्मनी में कोर्स के साथ ये यह भी सुनिश्चित कराया जाता है कि छात्र अपनी पढ़ाई के बाद एक सफल मेडिकल करियर शुरू करें। जर्मनी से MBBS करने का सबसे बड़ा फायदा इंडियन स्टूडेंट्स के लिए ये है कि कि जर्मनी में एमबीबीएस के लिए अधिकांश विश्वविद्यालयों को (MCI) मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया (नेशनल मेडिकल काउंसिल) या (WHO) विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे दुनिया के प्रमुख चिकित्सा आयोगों से मान्यता मिली हुई है। जर्मनी में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई स्कॉलरशिप के साथ पूरी तरह फ्री है। जर्मनी में MBBS के दाखिले के लिए यूनिवर्सिटीज के इंटरनेशनल ऑफिस से कॉन्टेक्ट करना होगा। इसको Uni-Assist सिस्टम कहा जाता है। ये non-EU (Any person not having the nationality of an EU Member State) छात्र की सहायता करता है। Uni-Assist के जरिए छात्र को ये जानकारी आसानी से मिल जाएगी कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए कैसे आवेदन करना है? मीडिया रिपोर्ट्स कि मानें तो इन कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन करने का समय 15 जुलाई तक (for fall/winter entry) और 15 जनवरी (for summer entry) तक होता है।
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