नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एमबीबीएस छात्रों के लिए एक जरूरी रिवाइज्ड गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार, सप्लीमेंट्री एग्जाम में अब वही एमबीबीएस छात्र भाग ले पाएंगे, जिनकी थ्योरी में कम से कम 75% और प्रैक्टिकल में 80% उपस्थिति रही है। अगर आपकी थ्योरी में 75% से और प्रैक्टिकल में 80% से कम उपस्थिति वाले छात्रों को सप्लीमेंट्री परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नहीं होंगे ग्रेस मार्क
NMC ने यह भी जानकारी दी है कि यूनिवर्सिटी एग्जाम में अब कोई ग्रेस मार्क नहीं होंगे। वहीं, इस साल एडमिशन लेने वाले MBBS छात्रों को गांवों को भी गोद लेना होगा। एनएमसी ने ये नियम 1 अगस्त, 2023 को पब्लिश किया था, जो एनएमसी के योग्यता-आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) नियम 2023 का हिस्सा ही है।
जरूरी हैं अटेंडेंस परसेंटेज
नोटिस में आगे बताया गया है कि जो छात्र एनएमसी की तरफ से जारी जरूरी अटेंडेंस परसेंटेज को बनाए नहीं रख पाएंगे, उन्हें अपनी उपस्थिति की कमी की भरपाई के लिए आगामी एकेडमिक सेशन में जूनियर बैचों के साथ क्लासेस लेनी पड़ेगी, फिर उसके बाद वे अगले में एग्जाम में बैठने के लिए पात्र होंगे। दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि इस साल मेडिकल कॉलेजों में शामिल होने वाले नए MBBS बैच को फरवरी 2028 में नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) फेज 1 एग्जाम देना होगा। जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक, NExT फेज 2 की परीक्षा फरवरी 2029 में आयोजित होंगे।
NExT क्या है ?
NMC कई महीनों से NExT को लागू करने की बात कह रही है। ये परीक्षा भारत में डॉक्टरों को प्रैक्टिस करने और नीट पीजी की जगह लेगा क्योंकि इसके स्कोर के ही आधार पर मेडिकल के विभिन्न पीजी कोर्सेज में एडमिशन दिया जाएगा। वहीं, विदेश से मेडिकल की डिग्री लेने वाले छात्रों को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए इस परीक्षा को क्लियर करना होगा।
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