इस राज्य के शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान, बोले- 'स्टूडेंट्स को अनअथॉराइज्ड रैलियों में शामिल होने की परमिशन नहीं दी जानी चाहिए'
स्टूडेंट्स को अनअथॉराइज्ड रैलियों में शामिल होने की परमिशन नहीं दी जानी चाहिए, ये बात आज एक सभा को संबोधित करते हुए मणिपुर के शिक्षा मंत्री ने कही है।
देश के नॉर्थ ईस्ट हिस्से में बसा मणिपुर लंबे समय से जातीय हिंसा का दंश झेल रहा है। हाल ही में स्टूडेंट्स ने वहां शांति बहाल होने को लेकर सरकार के खिलाफ रैली निकाली थी। इसी को लेकर आज मणिपुर सरकार के शिक्षा मंत्री थुनाओजम बसंतकुमार सिंह ने कहा कि छात्रों को अनअथॉराइज्ड रैलियों और बैठकों में भाग लेने की परमिशन नहीं दी जानी चाहिए और उन्होंने जनता से एकेडमिक इंस्टीट्यूशन को ऐसी गतिविधियों से अलग रखने की अपील की।
थुनाओजम बसंतकुमार सिंह ने कही ये बात
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए थुनाओजम बसंतकुमार सिंह ने कुछ ऐसे लोगों की संलिप्तता को लेकर चिंता व्यक्त की जो मान्यता प्राप्त छात्र संगठनों से संबद्ध नहीं हैं और जो कथित तौर पर छात्रों को अनधिकृत विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये लोग शैक्षणिक परिसरों में प्रवेश कर रहे हैं और छात्रों को अनधिकृत प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए उकसा रहे हैं।"
ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स के बैठक की आलोचना की
बसंतकुमार सिंह ने ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स नामक एक ग्रुप द्वारा इम्फाल के धनमंजुरी यूनिवर्सिटी में 18 सितंबर को आयोजित की गई बैठक की आलोचना की। अनुमति के अभाव में निर्धारित बैठक अवैध है और चेतावनी दी कि कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने आगे कहा, "उचित कानूनी और निवारक उपाय किए जाएंगे।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस बैठक को मान्यता या समर्थन नहीं देती है। उन्होंने यह भी दोहराया कि सामान्य कक्षाएं हाल ही में फिर से शुरू हुई हैं और इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को स्कूल समय के दौरान कक्षाओं में रहना चाहिए।
अभिभावकों से भी आह्वान किया
शिक्षा मंत्री ने इस वर्ष 229 क्लास डे आयोजित करने के विभाग के लक्ष्य का जिक्र किया, जिसमें से 153 दिन पूरे हो चुके हैं और बाढ़, प्राकृतिक आपदाओं और सामाजिक अशांति के कारण 19 दिन बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अनअथॉराइज्ड मीटिंग के आयोजकों की पहचान करने और उन पर नज़र रखने के लिए जांच चल रही है। मान्य छात्र संगठनों से शिक्षा क्षेत्र को व्यवधान मुक्त रखने के कोशिशों का समर्थन करने का आग्रह किया और अभिभावकों से घर पर अपने बच्चों को मार्गदर्शन करने का आह्वान भी किया।
(इनपुट- पीटीआई)
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