मेडिकल फील्ड हमेशा से युवाओं के सबसे पसंदीदा करियर ऑप्शन में से एक रहा है। मेडिकल के अगल-अलग कोर्स में दाखिला लेने के लिए लाखों छात्र सालों तक मेहनत करते हैं, लेकिन सफलता कुछ सौ छात्रों को ही मिल पाती है। इसका मुख्य कारण है, मेडिकल कॉलेजों में सीटों की कमी और छात्रों की अधिक संख्या। अगर आप मेडिकल फील्ड में इस भीड़ से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं तो डर्मेटोलॉजी का कोर्स कर स्किन स्पेशलिस्ट के तौर पर शानदार करियर बना सकते हैं। ये स्पेशलिस्ट स्किन, नाखून और बाल से जुड़ी बीमारियों का पता लगा उसका इलाज करते हैं। डर्मेटोलॉजी में मेडिकल और सर्जिकल दोनों शामिल होता है।
डर्मेटोलॉजी में कोर्स
डर्मेटोलॉजी का कोर्स करने के लिए छात्र का पीसीबी के साथ 12वीं पास करना जरूरी है। इसके बाद आप डिप्लोमा इन डर्मेटोलॉजी, ग्रेजुएशन इन डर्मेटोलॉजी, ग्रेजुएशन वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी, मास्टर ऑफ साइंस इन डर्मेटोलॉजी, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डर्मेटोलॉजी, पीजी इन वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें पीएचडी का कोर्स भी उपलब्ध है। यह सभी कोर्स मेडिकल के दूसरे विभागों की तरह ही होते हैं।
डर्मेटोलॉजी कोर्स में एडमिशन प्रोसेस
मेडिकल कॉलेज से डर्मेटोलॉजी के कोर्स में दाखिला के लिए छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा में बैठना पड़ता है। वहीं, एम्स में प्रवेश के लिए कैंडिडेट को एम्स की प्रवेश परीक्षा देनी होती है। इसके अलावा कई अन्य विश्वविद्यालय/संस्थान खुद मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट में करियर स्कोप
डर्मेटोलॉजी का कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास स्किन स्पेशलिस्ट के तौर पर करियर बनाने के कई अवसर मिलते हैं। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों में त्वचा की समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। इसकी वजह से डर्मेटोलॉजिस्ट की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। डर्मेटोलॉजिस्ट किसी भी अस्पताल के डर्मेटोलॉजी विभाग में काम कर सकते हैं। इनके पास सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अस्पतालों में जॉब हासिल करने का मौका रहता है। इसके अलावा ये प्रोफेशनल्स खुद का क्लिनिक शुरू करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इस फील्ड में आप स्किन स्पेशलिस्ट, थेरेपी मैनेजर और प्रोफेसर जैसे पदों पर रहकर कार्य करने का मौका मिलता है।
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