Paper Leak case: यूपी और बिहार में पेपर लीक को लेकर क्या हैं कानून? पढ़ें यहां पूरी रिपोर्ट
यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने पेपर लीक को संगठित अपराध माना है। यूपी में पेपर लीक और नकल रैकेट के लिए खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होती है।
बिहार और उत्तर प्रदेश में बीते 10 सालों में पेपर लीक के कई मामले सामने आए। इसे लेकर सरकार कई जांचें करवाई। इनमें से कुछ अपराधी पकड़े गए। सरकारें लगातार कोशिश करती रहती हैं कि पेपर लीक न हो, पर नकल माफिया कुछ न कुछ जुगाड़ कर पेपर लीक करवा ही देते हैं। इसे लेकर यूपी बिहार, हरियाणा व अन्य राज्यों में कड़े कानून भी बनाए गए हैं। आइए जानते हैं कि क्या हैं वे कानून?
उत्तर प्रदेश देश में पहला ऐसा राज्य था जिसने इंटर हाईस्कूल की परीक्षा में नकल पर जेल भेजने का कानून बनाया था। कल्याण सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और आज के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तब यूपी के शिक्षामंत्री थे। लेकिन नौकरी की परीक्षा में नकल और पेपर लीक को रोकने में उत्तरप्रदेश भी सक्षम नहीं हो पाया। जबकि यूपी देश में एक बार फिर पहला ऐसा राज्य है जहां पेपर लीक को संगठित अपराध माना जाता है नकल व पेपर लीक का रैकेट चलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गुनाह दर्ज किया जाता है। यूपी में स्पेशल टास्क फोर्स पेपर लीक या एग्जाम में गलतियों को पकड़ने मे काफी प्रसिद्ध है। नकल माफिया की कमर तोड़ने के लिए बोलडोजर से उनकी संपत्ति को तोड़ने की शुरूआत भी यूपी ने की। ऐसा करके वो नकल माफिया की आर्थिक जड़ भी खोदी है। यूपी में हाई स्कूल इंटरमीडिएट की परीक्षा में लखनऊ में बैठ कर प्रदेश के हर परीक्षा कक्ष को देखने का इंतजाम है। इसके बावजूद यूपी में पिछले दस साल में 12 से ज्यादा बार पेपर लीक हुए हैं। यूपी में पेपरलीक की तहकीकात में हमारा एक भ्रम और टूटा है। नकल या पेपर लीक रोकने के लिए जिस टेक्नालॉजी से सबसे ज्यादा उम्मीद है वो पेपर लीक,नकल, नकली परीक्षार्थी के केस में सबसे कमजोर कड़ी है।
यूपी में भी 29 लाख युवा नौकरी के योग्य
हर राज्य की तरह यूपी में भी 29 लाख युवा नौकरी के योग्य हैं। प्रदेश में करीब 13 लाख सरकारी पद हैं। कुल सरकारी नौकरी का 18% पद खाली पड़े हैं। इतने के बावजूद सरकार के बजट का 31% सरकारी कर्मचारी के वेतन में जाता है। पिछले पांच साल में योगी सरकार ने 6.65 लाख नौकरी दी हैं। उत्तरप्रदेश सरकार ने नौकरी परीक्षा में लीक को रोकने के लिए पालीवाल कमीशन बनाया था। उन्होंने बहुत वृहद रिपोर्ट दी हैं। लोग मानते हैं कि पालीवाल गाइडलाइन्स को सही तरीके से पालन करें तो लीक के चांसेंस बहुत कम रह जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा एग्जाम होगा जिसका पर्चा लीक न हुआ हो। 2017 मे दरोगा भर्ती परीक्षा निरस्त हुआ। 2018 में Uppcl की JE भर्ती परीक्षा निरस्त, 2018 में हीं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 14 विभागों की group c की परीक्षा रद्द हुई, 2018 में हीं नलकूप ऑपरेटर परीक्षा पर्चा रद्द हुई, 2021 में upsssc pet और Uptet का पेपर लीक हुआ परीक्षा रद्द हुई और 2022 में up बोर्ड का english का पर्चा लीक हुआ दोबारा परीक्षा हुई।
उत्तरप्रदेश में पेपर लीक को लेकर क्या है कानून?
उत्तरप्रदेश में पेपरलीक को संगठित अपराध की श्रेणी में रखा गया है। पेपर लीक होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धारा में मुकदमा किया जाता है, साथ ही दोषी की संपत्ति जब्त कर ली जाती है। बुलडोजर से संपत्ति गिरा भी दी जाती है। इसके साथ ही दोषी के परीक्षा देने पर पाबंदी भी लगाई जाती है।
बिहार में साढ़े 4 लाख सरकारी पद खाली
पेपर लीक को लेकर अब हम आपको बिहार के बारे में बताते हैं। बिहार की नौकरी की परीक्षा लेने का जिम्मा- बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC), बिहार स्टाफ सलेक्शन कमीशन, बिहार टेक्निकल सर्विस कमीशन, बिहार सिपाही भर्ती आयोग और बिहार दारोगा भर्ती आयोग के पास है। बिहार सरकार का दावा है कि उसने पिछले 15 साल में 6 लाख नौकरी दी हैं। बिहार में साढ़े चार लाख सरकारी पद खाली हैं। पुलिस में 34% हेल्थ विभाग में 55% , प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 33% पद खाली हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक के 87% पद खाली हैं। लैब टेक्निशियन के 77% पद खाली हैं। टीचर के 125000 पोस्ट वैकेंट हैं। माध्यमिक औऱ उच्चमाध्यमिक विद्यालय मिला कर करीब 50000 पद खाली हैं। बिहार सरकार ने 10 लाख नौकरी देने का वायदा किया है जिसके लिए उसे बजट से अतरिक्त 36 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी और नेशनल करियर सर्विस पोर्टल में 2015 से अबतक 15 लाख युवकों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यानि मौके कम अभ्यार्थी ज्यादा हैं। डिमांड और सप्लाई के शॉर्टफॉल से नकल के नक्कालों को एंट्री मिलती है।
बिहार में पेपरलीक के खिलाफ सिस्टम
बिहार में पेपरलीक के खिलाफ सिस्टमिक चेंज हैं। पेपर लीक से बचने के लिए एग्जाम के दौरान ही छात्र के सामने पेपर खुलते हैं। छात्र के सामने कॉपी सील की जाए। पेपर को सुरक्षित रखने और लाने ले जाने के लिए स्मार्ट लॉक और ट्रक का इस्तेमाल किया जाए। बिहार में कई चेंजेज भी किए गए है। परीक्षा से पहले सेंटर पर परीक्षा से ढाई घंटे पहले एंट्री
हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और गुजरात में पेपर लीक के लिए कड़े इंतजाम
हरियाणा में परीक्षा के दौरान ही परीक्षार्थी के नाम रोल नंबर के साथ पेपर जारी किया जाएगा। पेपर पर तीन जगह क्यू आर कोड होगा कि जैसे ही फोटो खिचें या स्कैन हो तो मैसेज अथॉर्टी को मिल जाएगी। उत्तराखंड में अगर कोई आरोपी पेपर लीक मामले संलिप्त पाया जाता है तो आरोपी की संपत्ति जब्त की जाती है। दोषी को आजीवन कारावास की सजा भी दी जा सकती है। साथ ही गैंगेस्टर कानून में केस दर्ज हो सकती है। परीक्षा देने पर 10 साल का बैन लगाने का इंतजाम किया गया है। राजस्थान में पेपर लीक मामले को लेकर दोषी की संपत्ति जब्त हो सकती है। साथ ही कड़ी आपराधिक धाराओं में मुकदमा जैसे कानूनी बदलाव किए गए हैं। गुजरात में भी पेपरलीक के खिलाफ कड़े कानून की तैयारी है।
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