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Hindi News एजुकेशन क्लास में हंसना बच्ची को पड़ा भारी, टीचर ने इतनी जोर से मारा थप्पड़ कि लड़की का हो गया ब्रेन डैमेज

क्लास में हंसना बच्ची को पड़ा भारी, टीचर ने इतनी जोर से मारा थप्पड़ कि लड़की का हो गया ब्रेन डैमेज

क्लास में हंसने व मस्ती करने से नाराज टीचर ने 10 साल की बच्ची को इतनी जोर से मारा कि उसका ब्रेन डैमेज हो गया और अब वह जिंदगी व मौत के बीच जूझ रही है।

पीड़ित बच्ची दीपिका- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पीड़ित बच्ची दीपिका

मुंबई से सटे नालासोपारा में रहने वाली 10 साल की दीपिका पटेल पिछले 8 दिनों से अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। बच्ची को ट्यूशन क्लास के दौरान उसके टीचर ने कान के नीचे जोर से थप्पड़ मारा था, जिससे कुछ ही दिनों बाद उसके दाएं कान में इंफेक्शन फैल गया और  क्रिटिकल ब्रेन डैमेज के कारण अब मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। कक्षा 5 की छात्रा दीपिका को क्रिटिकल ब्रेन डैमेज, टेटनस और सांस लेने में समस्या के चलते सायन के K.J सोमैया अस्पताल के ICU में रखा गया है। फिलहाल 10 वर्षीय मासूम बच्ची मेडिकल वेंटिलेटर पर है।

क्लास में हंसने के कारण मारा थप्पड़

5 अक्टूबर को दीपिका पिता ने तूलिंज पुलिस स्टेशन में 20 वर्षीय टीचर रत्ना सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बच्ची के पिता ने शिकायत में कहा कि बच्ची को टीचर ने उसे क्लास में मस्ती करने के लिए थप्पड़ मारा था। टीचर के मुताबिक, वह क्लास में हंस रही थी और शरारत कर रही थी। इसके बाद 10 साल के दीपिका के कान में दर्द होना शुरू हो गया और वह घर लौटी और अपनी मां को पूरी बात बताई। बता दें कि टीचर का नाम रत्ना सिंह बताया जा रहा है।

बच्ची ने मां को बताई बात

शिकायत के अनुसार, उसकी मां ट्यूशन सेंटर गई और टीचर रत्ना से इस बारे में बात की। टीचर रत्ना ने बताया कि दीपिका मस्ती कर रही थी और दूसरे बच्चों को परेशान कर रही थी, इसलिए थप्पड़ मारा। इसके बाद उसकी मां और दीपिका को तुलिंज के बालाजी क्लिनिक ले गई जहां उसे दवाइयां दी गईं। शाम को जब वे घर लौटे, तो पटेल ने दीपिका के कान के पास सूजन देखी। इसके बाद वह उसे पास के संजीवनी अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज किया गया।

कुछ दिनों बाद और ज्यादा तबीयत हुई खराब

लड़की के पिता के मुताबिक, कुछ दिनों बाद उसकी तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी जिसके बाद वह खाना खाने के लिए अपना मुंह भी नहीं खोल पा रही थी। इसके बाद परिवार की चिंता और बढ़ने लगी और वे लड़की को लेकर बाइक से एक सरकारी अस्पताल आ गए लेकिन वहां ICU बेड न होने के कारण बच्ची को KJ सोमैया अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां हर दिन का खर्च लगभग 25000 रुपए है। परिवार का कहना है कि वह इस खर्च को हर दिन नहीं उठा सकता और ट्यूशन की तरफ से भी हमें कोई मदद नहीं दी गई। फिलहाल पारिवार किसी सामाजिक संस्था से मदद ले रहा है।

परिवार ने की न्याय की मांग

परिवार ने मांग की है कि ट्यूशन टीचर के साथ-साथ उसके कोचिंग सेंटर पर भी एक्शन दिया जाना चाहिए। पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत टीचर पर मामला दर्ज किया है और आगे जांच कर रही है।

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