भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। हमारे देश में कुछ दूरी तय करने के बाद आम बोलचाल की भाषा भी चेंज होती मिल जाती है। पूरी दुनिया में एकमात्र हमारा देश ही ऐसा है जहां विभिन्न धर्मों के लोग अपनी संस्कृति के साथ एकसाथ रहते हैं। इस विविधताओं वाले देश में आपने बच्चों के नाम- राहुल, विक्रम, पुष्पा आदि तो सुने होंगे, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि कहीं पर बच्चों के नाम 'गूगल' और 'कॉफी' रखे जाते हों। अगर आप नहीं जानते हैं तो हैरान न हों, आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
कौन रखता है ऐसे नाम?
हमारे देश में विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग धर्मों से जुड़े हुए लोग रहते हैं, जिनका रहना पहनना उस रीजन के हिसाब से भी अलग है। वहीं सबकी संस्कृति भी अपने में अलग पहचान रखती है। वहीं सबकी संस्कृति भी अपने में अलग पहचान रखती है। लेकिन एक ऐसी भी जनतजाति है जो खुद को खुद को हिंदु, मुस्लिम या यूं कहें कि किसी धर्म से नहीं जोड़ते हैं। यही नहीं, इस जनजाति के लोग अपने बच्चों को नाम गूगल और कॉफी जैसे नामों से पुकारते हैं। इस जनजाति का नाम 'हक्की-पिक्की' है।
कहां रहते हैं ये लोग?
आपको ये जानकर हैरानी हो रही होगी कि किसी जगह बच्चों को नाम गूगल और कॉफी भी रखे जाते हैं। हक्की-पिक्की जनजाति के लोग कर्नाटक में पाए जाते हैं। इस जनजाति के लोग अपने बच्चों का नाम भी कुछ अलग ही रखते हैं। यही कारण है कि ये लोग बच्चों के नाम गूगल, कॉफी, एलिजाबेथ, मैसूर आदि रखते हैं। कोई भी बाहर का इंसान जब यहां आता है तो वो ये नाम सुनक आश्चर्यचकित हो जाता है। लेकिन यहां के लोग अपने इन नामों से बेहद खुश होते हैं।
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