पूर्व मंत्री और राजस्थान के सांगोद से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने छात्रों की आत्महत्या को लेकर कोटा के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। कुंदनपुर ने अपने पत्र में कहा, कोचिंग संस्थानों का राजनीतिक प्रभाव काफी मजबूत है और प्रशासन भी इनसे प्रभावित होता दिख रहा है क्योंकि इन कोचिंग संस्थानों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए ही बड़ी संख्या में अधिकारी कोटा में अपनी पोस्टिंग करवाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि पुलिस छात्रों द्वारा की गई आत्महत्याओं में कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच करे और पहले उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे।
कोचिंग संस्थान की कोई जिम्मेदारी नहीं है?
कुंदनपुर ने पत्र में कहा है कि कोटा देश भर में कोचिंग क्लासेस के लिए जाना जाता है। यहां विभिन्न राज्यों से छात्र बड़ी संख्या में आते हैं। शहर एक कोचिंग हब बन गया है जबकि ये कोचिंग संस्थान लाभदायक व्यवसाय बन गए हैं। अच्छे परिणाम देने की होड़ में कोचिंग संस्थान छात्रों पर पड़ने वाले भारी दबाव का कारण बन गए हैं। छात्रों द्वारा आत्महत्या करने का एक कारण पढ़ाई का दबाव भी है। उन्होंने कहा कि एक छात्र की आत्महत्या के बाद पुलिस मामले में प्राथमिकी दर्ज करती है और कोचिंग संस्थान की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
विधायक अवैध खनन जैसे कई ज्वलंत मुद्दों के खिलाफ मुख्यमंत्री और अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिखते रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर खनन मंत्री को बर्खास्त करने और मंत्री को अवैध खनन का आरोपी बताने की मांग की थी।
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